ऐतिहासिक दलपत सागर का हो रहा सौन्दर्यीकरण, ‘गढ़बो नवा जगदलपुर’ के संकल्प के साथ पूरे शहर का होगा कायाकल्प, बढ़ेगी रौनक

जगदलपुर। बस्तर का ऐतिहासिक दलपत सागर फिर से अपने सुंदरता को पाने की ओर आगे बढ़ रहा है। गढ़बो नवा जगदलपुर के संकल्प के साथ पूरे जगदलपुर शहर का कायाकल्प यहां के स्थानीय निवासियों की मांग और जरुरत के अनुसार किया जा रहा है। स्थानीय जनता दलपत सागर से भावनात्मक लगाव रखती है और पुनः इसके भव्य स्वरुप को वापस लाने के लिए दशकों से प्रयासशील थी।

दलपत सागर का निर्माण बस्तर के लोकप्रिय शासक श्री दलपत देव ने स्थानीय जनता की श्रमदान के जरिए करवाया और बीच में शिवमंदिर भी बनवाया। यह तालाब उस दौर में रियासत का और विलीनीकरण के बाद राज्य का सबसे बड़ा तालाब होने का दर्जा प्राप्त हुआ, किन्तु लगभग 250 वर्ष की अवधि के बाद तालाब की स्थिति दयनीय होती चली गई। तालाबों को उथला होने के लिए न छोड़ कर उसकी गहराई और जमा होने वाले जल तथा गहराई के साथ-साथ सौन्दर्यीकरण के लिए स्थानीय जनता की मांग समय- समय पर उठती रही। शासन ने पहल की तथा शासन और जनप्रतिनिधियों से मिलकर संबंधित एजेंसी से इनके निर्माण प्रक्रिया में पहल किया। 250 साल के बाद दलपत सागर को बचाने के लिए उसकी सतह पर बिखरी काई को हटाने के साथ-साथ प्राचीन रानी घाट का जीर्णोद्धार किया जा रहा है इस कार्य के लिए जिला प्रशासन द्वारा एक माइक्रोप्लान तैयार करते हुए संरक्षण और संवर्धन कार्य किया जा रहा है।


बस्तर कलेक्टर रजत बंसल ने बताया कि शहर के ऐतिहासिक सरोवर के सौन्दर्यीकरण को लेकर किए जा रहे प्रयासों में वाॅकिंग फुटपाथ, नौका बिहार, वेटिंग शेड का निर्मार्ण, सेल्फीजोन तथा सरोवर से कुछ ही दूरी पर पुरातत्व संग्रहालय का निर्माण किया जा रहा है, इससे पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करने में मदद मिलेगी, साथ ही आय के साथ-साथ पयर्टन के नवीन स्त्रोत खुलेंगे। सरोवर के चारों ओर वाॅकिंग फुटपाथ, योगाभ्यास के लिए शेड का निर्माण, सरोवर के किनारे सुंदर रंगीन प्रकाश की व्यवस्था की जा रही है। धरमपुरा मार्ग को भी चैड़ीकरण किया जा रहा है जिससे जगदलपुर शहर से धरमपुरा, कालीपुर, तितिरगांव, घाटपदमुर, नेगीगुड़ा आदि गांवों सहित अन्य स्थानों से यह मार्ग जुड़ जायेगा। इस मार्ग का चैड़ीकरण किए जाने से राष्ट्रीय राजमार्ग से जुड़ाव होगा। इस मार्ग के प्रारंभ हो जाने से जगदलपुर से धरमपुरा-चित्रकोट मार्ग में यातायात दबाव भी कम होगा। जिला प्रशासन के इस अथक प्रयास से इस ऐतिहासिक दलपत सागर को सुंदर और सुगम बनाने का भरसक प्रयास जारी है, महानगरों की भांति सरोवर में नौका-विहार भी आकर्षण का केन्द्र होगा। लोग सैर के अलावा नौकायन का भी आनंद ले सकेंगे। दलपत सागर के सौन्दर्यीकरण से जनता के बीच निश्चित ही तालाबों के संरक्षण का संदेश जनमानस तक पहुंचेगा। जिला कलेक्टर श्री रजत बंसल जी के द्वारा सभी कार्यों के लिए प्रशासकीय स्वीकृति, सौन्दर्यीकरण तथा जीर्णोद्धार से यह कार्य शहर के विकास में मील का पत्थर साबित होगी।

उन्होंने बताया कि प्रस्तावित कार्य योजना के तहत दलपत सागर से धरमपुरा मार्ग की लगभग 597.897 लाख की लागत से 2250 मीटर सड़क की चैड़ीकरण एवं सौन्दर्यीकरण कार्य प्रगति पर है। पिछले कुछ महिनों से जलकुंभी की सफाई की जा रही है तथा नालियों के पानी को तालाब में जाने से रोका जा रहा है, वहीं स्व सहायता समूह को पैडल वोट दिया गया है। गुमटी चालकों की गुमटियों को आकर्षक रूप देकर चैपाटी का स्वरूप दिया जा रहा है। दलपत सागर के किनारे आकर्षक चैराहे का स्वरूप देकर राम मंदिर और कृष्ण मंदिर का सौन्दर्यीकरण किया जा रहा है। आईलैण्ड में पिचिंग, लाईट एवं सौन्दर्यीकरण कार्य कराया जा रहा है। पुराने पम्प हाउस को बस्तर आर्ट गैलरी के रूप में विकसित किया जा रहा है। रानी घाट से शिव मंदिर घाट तक पाथ वे निर्मित किया जावेगा। खेल विभाग द्वारा केनोईन्ग और क्याकिंग अकादमी प्रारंभ किया जायेगा। नौकायन के शौकीन लोगों के लिए प्रतिवर्ष नौकायन प्रतियोगिता आयोजित किया जावेगा। इससे पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करने में मदद मिलेगी, साथ ही आय के साथ-साथ पयर्टन के नए द्वार खुलेंगे।

दिनेश के.जी. (संपादक)

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Dinesh KG
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