बीजापुर। वाडला से लौटी सीपीआई के जांच दल ने आज बीजापुर विधायक विक्रम शाह मण्डावी से मुलाकात की। वाडला में सरपंच और ग्रामीणों से जुटाए तथ्यों से विधायक को अवगत कराते सीपीआई जिला सचिव कमलेश झाड़ी ने निष्पक्ष कार्यवाही की मांग की। वहीं विधायक ने इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते जांच कमेटी के प्रतिवेदन के आधार पर कार्यवाही का आश्वासन सीपीआई को दिया।
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क्या है पूरा मामला..
जिले में 14/15 वें वित्त योजना से गड़बड़ी और गबन का जिन्न अब चिराग से निकलने लगा है। जिसके साथ ही तात्कालीन बड़े अधिकारियों की ओर भ्रष्टाचार की आंच पहुँच रही है। जिसमे मुख्य नाम शैलेन्द्र सिंह का आ रहा है। दरसअल भोपालपटनम विकासखंड के वाडला ग्राम पंचायत के सरपंच, उपसरपंच सहित ग्रामीणों ने कलेक्टर को एक लिखित शिकायत देकर सचिव हरिगोपाल पर अपने बेटे के नाम के फर्म के खाते में करीब 21 लाख रुपये पंचायत की राशि ट्रांसफर कर गबन का आरोप लगाया था।
जिसमे जिला पंचायत सीईओ रवि कुमार साहू ने एक जांच दल गठित किया और 24 अगस्त को जांच दल शिकायत के आधार पर ग्राम पंचायत वाडला पहुंचा। जांच दल ने गांव के ग्रामीण, सदर पंत और सचिव के समक्ष जांच किया।
जिसमें बिना कार्य कराए अपने बेटे के नाम से फर्जी फर्म बनाकर रुपए आहरण का मामला सही पाया। ग्रामीणों ने बताया कि जांच दल के बयान में सचिव हरि गोपाल पेंदम ने बताया कि जिला पंचायत सीईओ और शैलेंद्र सिंह को राशि आहरण करने के लिए कमीशन दिया गया है।
उप संचालक पंचायत गीत कुमार सिन्हा की अध्यक्षता में पूरे मामले की जांच करते हुए निर्माण कार्य स्थल तक पहुंच कर निर्माण कार्य स्थल की जांच हेतु रवाना हुए जिसमें देखा गया कि मुख्य मार्ग से गोखुर तक की ढाई सौ मीटर की सीसी सड़क ही गायब है और वाडला में जुमार नागैया के घर से जुमार लक्ष्मैया के घर तक 200 मीटर की सीसी सड़क नदारद है तथा दो पुलिया प्रस्तावित स्थल पर बनना चाहिए था मौके पर एक भी पुलिया नहीं है जबकि इन सारे निर्माण कार्यों की राशि 20 मार्च को ही पूरी की पूरी राशि सचिव ने अपने बेटे के फर्जी फर्म के नाम से आहरण कर 21 लाख रुपए का गबन का मामला सही साबित होता नजर आ रहा है।
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