जगदलपुर। सरकार में सबसे वरिष्ठ मंत्री टी.एस. सिंहदेव के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्रालय से इस्तीफ के बाद यह साफ हो चुका है कि, बीते चार वर्षों से कॉग्रेस नेतृत्व की सरकार में आंतरिक खींचतान जारी है और इसका असर राज्य के कामकाज पर भी पड़ रहा है।
जिसे लेकर भाजपा के पूर्व विधायक संतोष बाफना ने बयान जारी कर कहा है कि, चार साल पहले कॉग्रेस पार्टी का एकमात्र उद्देश्य सत्ता पर काबिज होना था। और इनकी सरकार बनने के बाद से ही यह वर्तमान कॉग्रेस सरकार सत्ता के नशे में बदहवास हो चुकी है। और विकास की झूठी कहानियां गढ़कर प्रदेश की जनता को केवल ठगने का कार्य रही है। कॉग्रेस के मंत्री के कबूलनामे से स्पष्ट हो चुका है कि, इनकी सरकार में जनहित के निर्णयों में देरी के साथ तमाम विकास योजनाएं भी ठप्प हैं। सरकारी मशीनरी निष्क्रिय भूमिका में है। और पिछले चार सालों से लगातार अपनी नकामिया छिपाने के लिए केन्द्र सरकार पर राज्य को फंड नहीं देने की झूठी कहानियां गढ़ने का केवल दौर चल रहा है। इस सरकार के पास विकास कार्यों के लिए न तो कोई नीति है और न ही इनकी नियत। मौजूदा सरकार का कोई नया काम नहीं दिखाई दे रहा है।
बल्कि गरीबों को घर उपलब्ध कराने के लिए केन्द्र सरकार की महत्वपूर्ण प्रधानमंत्री आवास योजना को छत्तीसगढ़ कॉग्रेस सरकार ने पूरी तरह पलीता लगा दिया है और प्रदेश के आवास विहीन आठ लाख गरीबों का आशियाना छिनने का कार्य किया है। और इन्हीं के वजह से पिछड़े गांवों एवं शहरों में बड़ी संख्या में गरीब जनता झुग्गी झोपड़ियों में रहने को मजबूर हैं। एवं प्रदेश में कॉग्रेस पार्टी की सरकार रहते हुए गरीबों के लिए अपने घर का सपना अब सिर्फ ख्वाब बनकर रह गया है।
मौजूदा प्रदेश सरकार की मंशा सही नहीं है इसलिए ग्राम पंचायतों को भी राशि उपलब्ध नहीं करवाई जा रही, जिसके कारण विकास कार्य पूरी तरह ठप हो चुके हैं। रोजगार न मिलने के कारण लोग पलायन करने के लिए विवश हैं। राज्य सरकार का अब तक का कार्यकाल पूरी तरह से फ्लॉप रहा है और राज्य का हर वर्ग निराश है। सरकार में मंत्रियों के बीच कामकाज में दखल और आपसी खींचतान का खामियाजा दुखयारी जनता को भुगतना पड़ रहा है।
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