- पापनपाल से ‘दिनेश के.जी.’ की ग्राउंड रिपोर्ट..
फिल्म ‘पीपली लाइव’ की तर्ज पर गरीब के घर पहुंचा सरकारी काफ़िला, जमीन, घर और शिक्षा का दिया आश्वासन
जगदलपुर। ‘रायपुर’ का घर उजड़ने की जानकारी मिलते ही सरकारी काफ़िला शुक्रवार की सुबह इस गरीब के घर पहुंचा। ‘रायपुर’ छत्तीसगढ़ की राजधानी नहीं बल्कि आज हम उस एक गरीब परिवार के बारे में आपको बताने जा रहे हैं, जिनका सरनेम रायपुर है। जी हां, बीजापुर जिला मुख्यालय से लगभग 15 किलोमीटर दूर स्थित पापनपाल गांव जहां एक परिवार के पांच लोग खस्ताहाल कच्चे घर में गुजर-बसर कर रहे थे। कुछ दिन पहले गरीब की कुटिया का एक क्षतिग्रस्त दीवार देर रात धड़ाम से जमीदोंज हो गया। इस दौरान डरे सहमे 02 बहन और 03 भाइयों ने अपनी जान बचाकर एक रिश्तेदार के घर में शरण ले ली और वहां रहने लगे।
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दरअसल महेंद्र रायपुर और इनका परिवार सालों से यहां रहकर जैसे-तैसे अपना गुजारा चला रहा था। दस साल पहले जब बच्चे छोटे थे, माता-पिता का साया इनके सर से उठ गया। अब ये किसी तरह मजदूरी करके जीवन चला रहे हैं। घर है मगर कच्ची ईंटो से बना, मिट्टी की फ्लोरिंग वाला, जहां पानी छु रही है। घर के अंदर चूहों के बिल और सांप-बिच्छुओं का खतरा भी बना रहता है। इस बीच गरीब रायपुर की कहानी सोशल मीडिया में वायरल हुई, फिर क्या था.. फिल्म ‘पीपली लाइव’ की तर्ज पर पूरा प्रशासन, सामाजिक संगठन और खुद सरकार में राज्यमंत्री दर्जा प्राप्त बस्तर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष व विधायक विक्रम मंडावी दल-बल के साथ हालचाल जानने पहुंच गए, हरसंभव मदद का आश्वासन और रोजमर्रा की जरूरतों का सामान परिवार को देते हुए पक्का घर और बच्चों की पढ़ाई की व्यवस्था कराने की बात कही।
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“बहरहाल बीजापुर के रहने वाले रायपुर के घर में जैसे तैसे खुशियाँ तो लौट आयेंगी, लेकिन हमें आपको मिलकर उन पर भी विचार करने की जरूरत है जो हमारे आसपास कहीं इसी तरह की परिस्थितियों में अपना गुजर बसर कर रहें हैं, जिससे समाज के शोषित, पीडित और वंचित लोगों के जीवन में एक बड़ा बदलाव आ सके।”