सायबर सेल और कोतवाली पुलिस की रही महत्वपूर्ण भूमिका
जगदलपुर। टेलीफोनिक फ्राॅड के बढते मामलों को देखते हुए बस्तर पुलिस द्वारा टेलीफोनिक फ्राॅड के मामलों को लेकर सायबर सेल के माध्यम से अभियान चलाया जा रहा है। इसी तारतम्य में आज सायबर फ्राॅड अन्तर्गत एक अपराधिक प्रकरण जिसमें ड्रिमहाउस डेकोर से सामान खरीदने के नाम पर आनलाईन ठगी करने वाले आरोपी पर कार्यवाही करने में बस्तर पुलिस को सफलता मिली है।
ड्रीमहाउस डेकोर से सामान खरीदने के नाम पर हुई ठगी
मार्च 2021 में मामले के प्रार्थी हर्ष बाफना को अज्ञात व्यक्ति द्वारा मोबाईल फोन के माध्यम से काॅल करके, प्रार्थी को अपने घर के लिये कुछ फर्नीचर की आवश्यकता है बताया, और सामान पंसद आने पर पेमेंट के लिए गुगल पे एकाउंट का मोबाईल नंबर मांगकर प्रार्थी के एकाउंट से 75,000/-रूपये आहरित कर, ठगी किया गया था। ठगी के संबंध में प्रार्थी के रिपोर्ट पर संबंधित काॅलर मोबाईल धारक एवं खाता धारक के विरुद्ध थाना कोतवाली में ठगी (धारा 420 भादवि0, 66-डी आई0टी0 एक्ट) का अपराध पंजीबद्ध कर जांच में लिया गया। मामले में आरोपी के बैंक खातो के विश्लेषण एवं तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर संदेही के उपस्थिति की जानकारी मेवात हरियाणा में मिलने पर निरीक्षक दिलाबाग सिंह शेरा के नेतृत्व में टीम बना कर, हरियाणा रवाना किया गया था। उक्त टीम के द्वारा मेवात नई हरियाणा सें संदेह के आधार पर एक व्यक्ति को घेराबंदी कर पकड़ा गया। जिससे पूछताछ करने पर अपना नाम-इरसाद मोहम्मद निवासी हरियाणा का होना बताया और प्रार्थी हर्ष बाफना को मोबाईल फोन के माध्यम से फर्नीचर सामान खरीदना है, कहकर आनलाईन तरीके से प्रार्थी के खाता से 75,000 रूपये आहरण करना स्वीकार किया। आरोपी को हरियाणा से गिरफ्तार कर, ट्रांजिस्ट रिमांड पर जगदलपुर लाया गया, जिसे रिमांड पर न्यायालय भेजा गया है।
ऐसे दिया टेलीफोनिक फ्रॉड को अंजाम
मामले के आरोपी इरसाद मोहम्मद से पुछताछ पर बताया कि इनके द्वारा जगदलपुर शहर के नजदीकी फर्नीचर शाॅप को गुगल से सर्च कर अपने मोबाईल फोन के माध्यम से प्रार्थी को काॅल किया और अपने आप को आर्मी का आफिसर होना बताया तथा अपने फैमली को जगदलपुर में पल्ली नाका के पास रहना बताया। जिसके बाद प्रार्थी को अपने घर के लिये कुछ फर्नीचर की आवश्यकता है कहकर, प्रार्थी से वाट्सअप पर केटलाॅग मांगा और सामान पंसद है, कहकर पेमेंट करने के लिए गुगल पे एकाउंट का मोबाईल नंबर मांगा तब प्रार्थी ने अपने कर्मचारी का नंबर दिया। जिसके बाद आरोपी ने अपने झांसे में लेकर पैसे ट्रांसफर करने के लिये अपने मोबाईल से प्रार्थी के गुगल-पे में पेमेंट रिक्वेस्ट भेजा, और एक्सेप्ट करने बोला, प्रार्थी द्वारा एक्सेप्ट करने पर प्रथम बार में रूद्रप्रताप के खाते बार 25,000 रूपये और दुसरी बार में प्रार्थी को 25000 रूपये से ज्यादा ट्रांसफर नहीं हो रहा है बोलकर प्रार्थी से पुनः गुगल पे मोबाईल नंबर मांगा और 25,000-25000 रूपये का दो बार पेमेंट रिक्वेस्ट भेजा, जिसे प्रार्थी को एक्सेप्ट करवाया और युपीआई पिन डालने कहा गया। इसी प्रकार प्रार्थी के खाते से कुल 75,000 रूपये का आहरण कर, आरोपी के द्वारा राशि अपने खाते में आहरित किया गया।