पूर्व वन मंत्री महेश गागड़ा ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर झीरम कांड पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बयान पर प्रतिक्रिया दी
रायपुर। जारी विज्ञप्ति में महेश गागड़ा ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कभी झीरम की घटना की जांच करवाना ही नहीं चाहते थे ,झीरम में उनका दुःख केवल राजनीतिक दिखावा है ,सत्ता के साढ़े 4 साल मुख्यमंत्री ने इस मामले में केवल हवाई बातें कही हैं ,पहले तो उन्होंने दावा किया था उनके पास षडयंत्र के पुख्ता सबूत हैं पर आज तक उस सबूत का क्या किया इसका जवाब मुख्यमंत्री को देना चाहिए ।
महेश गागड़ा ने कहा कि जगदलपुर प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री ,झीरम कांड को सबसे नजदीक से देखने वाले चश्मदीद कवासी लखमा के साथ ही मौजूद रहे ,और उन्हीं के सामने मुख्यमंत्री जी ने जैसे पत्रकार वार्ता में अपने मंत्रिमंडल साथी श्री कवासी लखमा जी को भी नारको टेस्ट की बातें कह रहे हैं, यानी कि पीड़ित परिवार से सहानुभूति रखते हुए पहले मंत्री का इस्तीफा मंजूर करें और जांच में सहयोग करें ।
महेश गागड़ा ने कहा कि घटनास्थल पर उस दिन कांग्रेसी नेताओं में एकमात्र कवासी लखमा थे जो सकुशल बच गए थे ,वो उस घटना के सबसे बड़े चश्मदीद हैं जो जानकारी वो दे सकते हैं ,शायद पुलिस के जांच अधिकारी भी नहीं दे सकते ।
परंतु जितनी बार भी कवासी लखमा से पूछताछ के विषय में आवाज उठती है तो मुख्यमंत्री भूपेश बघेल तत्काल मुद्दा दूसरी तरफ कर जांच पर बहाने बनाने लगते हैं ।
अगर मुख्यमंत्री वाकई झीरम की जांच कराने के इच्छुक होते तो मंत्रिमंडल में शामिल करने से पहले कवासी लखमा का नारको टेस्ट करवाते जिसकी मांग दंतेवाड़ा विधायक के पुत्र जोकि पीसीसी सदस्य भी हैं , कर रहे हैं ।
महेश गागड़ा ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री झीरम कांड पर रोने का झूठा दिखावा करते हैं यदि वो इस घटना की सच्चाई जनता के सामने लाना चाहते हैं तो कवासी लखमा से तत्काल इस्तीफा लेकर उनका नारको टेस्ट करवाए उसके बाद भी सच्चाई आती है उसकी जांच करवा लें ।
पहले तो मुख्यमंत्री को अपनी ही पार्टी के नेताओं की मांग के अनुरूप जांच करवाना चाहिए ।
उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि जब ये घटना हुई केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी, जिसने एनआईए जांच का आदेश दिया था तब राज्य के ऊपर आरोप लगाकर जांच को बाधित किया अब राज्य की सत्ता में हैं तो केंद्र और भारतीय जनता पार्टी पर आरोप लगाकर जांच पर राजनीति कर रहे हैं ।
झीरम कांड कांग्रेस की आपसी कलह के कारण प्रभावित हो रही है ,क्योंकि इसकी सच्चाई कांग्रेस को अच्छे से पता है जिसे वो जनता के सामने नहीं आने देना चाहते ।