छत्तीसगढ़ की आंखों में फिर धूल झोंकना चाहती है कांग्रेस : मोदी, पांच साल के लिए परिवार से बाहर का पार्टी अध्यक्ष बनाकर देखे कांग्रेस, कर्नाटक के किसानों को कर्ज-माफी की जगह जेल भेज रही है

महासमुंद। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2018 की मतदान प्रक्रिया के दूसरे चरण में प्रचार थमने से पहले आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महासमुंद जिले के भाजपा प्रत्याशियों के पक्ष में प्रचार किया। यहां आयोजित विशाल चुनावी-सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कांग्रेस पर तीखे तीर छोड़े। श्री मोदी ने कहा कि कांग्रेस की एक ही परिवार की चार-चार पीढ़ी ने देश पर राज किया। उस परिवार का भला तो हुआ, लेकिन देश का भला नहीं हुआ। इस चुनाव में कांग्रेस छत्तीसगढ़ के लोगों की आंखों में फिर धूल झोंकना चाहती है।

कांग्रेस की ओर से आई इस टिप्पणी पर कि नेहरूजी की मेहरबानी से एक चायवाला प्रधानमंत्री बन गया, श्री मोदी ने पलटवार करते हुए कहा- कांग्रेस की इस टिप्पणी पर मैंने उन्हें चुनौती दी थी कि कांग्रेस पांच साल के लिए परिवार के बाहर के किसी को पार्टी-अध्यक्ष बनाकर देखे, प्रधानमंत्री बनाना तो दूर की बात। उन्होंने कहा- लोगों को याद है कि दलित-पीड़ित समाज से आए एक कांग्रेस अध्यक्ष सीताराम केसरी को कैसे अपमानित करके निकाला गया था। कैसे बाथरूम में बंद कर दिया गया था। कैसे कमरे से निकालकर फुटपाथ पर फेंक दिया गया था और उन्हें हटाकर मैडम सोनिया को अध्यक्ष की कुर्सी पर बिठा दिया गया था। कांग्रेस उस दलित अध्यक्ष को दो साल के लिए भी स्वीकार नहीं कर पाई थी।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने कर्नाटक के किसानों से कर्ज माफी का वादा किया था। उनकी सरकार को एक साल पूरे होने के बाद भी कर्ज माफ नहीं हुए, उल्टे सैकड़ों कर्जदार किसानों के खिलाफ वारंट जारी किए जा रहे हैं। जेल भेजा जा रहा है। श्री मोदी ने कहा कि आज यदि कांग्रेस कहती है कि किसानों की हालत खराब है तो उसे अपनी चार पीढ़ी का पहले हिसाब देना चाहिए कि उसने क्या किया था। अगर पचास साल में किसानों तक पानी पहुंचाया गया होता तो किसान मिट्टी में से सोना पैदा करने की ताकत रखता। दस साल तक कांग्रेस की सरकार रही, तब उसने स्वामीनाथन कमीशन की अनुशंसाओं को लागू क्यों नहीं किया। किसानों की मांग पूरी क्यों नहीं की गई। उन्हें उनका हक क्यों नहीं दिया गया। उन्होंने कहा- क्योंकि उसके दिल में किसानों के लिए जगह थी ही नहीं। जब भाजपा सरकार आई तब फसल की कीमत लागत से डेढ़ गुना देने का फैसला लिया गया। फसल की लागत कम करने के लिए भी कदम उठाए।

श्री मोदी ने कहा कि यूरिया के लिए किसानों को लड़ना पड़ता था। उन पर लाठियां और गोलियां चलती थीं। किसानों के हिस्से के यूरिया का इस्तेमाल रासायनिक कारखानों में कर लिया जाता था। आज हमने यूरिया को नीम कोटेड कर दिया है, इससे इसकी कालाबाजारी पूरी तरह समाप्त हो गई है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में हम किसानों को सौर ऊर्जा से संचालित 28 लाख पंप कनेक्शन देंगे। किसान अपने खेत में फसल के साथ-साथ बिजली का भी उत्पादन करेंगे। वह अन्नदाता के साथ-साथ ऊर्जादाता भी बन जाएंगे। उन्होंने कहा कि हमने 16 करोड़ किसानों को भूमि स्वास्थ्य पत्र का वितरण किया है, इसके जरिये भूमि के स्वास्थ की देखभाल ठीक उसी तरह की जा रही है, जैसे इनसानों की की जाती है। यह काम कांग्रेस नहीं कर सकती थी। आज प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत सवा करोड़ गरीबों के हाथों में उनके घरों की चाबी सौंप चुके हैं, मेरा सपना है कि वर्ष 2022 तक हर गरीब परिवार की अपना पक्का घर हो। आज देश का नौजवान दूसरों को रोजगार देने की ताकत के साथ खड़ा है। बिना बैंक गारंटी 14 करोड़ लोगों को कर्ज स्वीकृत किए गए हैं। इनमें से 75 प्रतिशत लोग ऐसे हैं, जिन्हें पहली बार बैंक से ऋण की स्वीकृति मिली।

श्री मोदी ने कहा कि कांग्रेस के लोगों ने तो बैंकों को लुटा ही दिया। जो लोग बैंक से कर्ज लेने के बाद देश छोड़कर चले गए, उन्हें 2014 से पहले कर्ज दिया गया था। ऐसे लोगों की संपत्ति जब्त करने की हिम्मत हमने की है। देश-विदेश में खोज-खोज कर उनकी हजारों करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की गई है। जिस दिन उसकी बिक्री होगी, पाई-पाई वसूल हो जाएगी।
उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी को आपने तीन बार विकास के मुद्दे पर सेवा करने का मौका दिया। दरअसल राज्य को सच्चे अर्थों में काम करने की सुविधा सिर्फ साढ़े चार सालों में मिली। क्योंकि इससे पहले तक दिल्ली में रिमोट कंट्रोल से चलने वाली सरकार थी। एक ऐसे परिवार के हाथ में रिमोट कंट्रोल था, जो भाजपा का नाम सुनते ही भाग जाता था। उन्होंने कहा कि तब की कांग्रेस सरकार, भाजपा सरकारों की एक भी बात सुनने को तैयार नहीं थी। मैं गुजरात का मुख्यमंत्री था और डॉ. रमन सिंह छत्तीसगढ़ के। हमें केंद्र सरकार से लड़ना पड़ता था। हमारे वो दस साल नकारात्मक शक्तियों के साथ संघर्ष में चले गए।

श्री मोदी ने कहा कि तब डॉ. रमन सिंह नक्सलवाद से लड़ने के लिए केंद्र से मदद मांगते थे। वे सुरक्षा बल, आधुनिक शस्त्र तथा संचार सुविधाएं चाहते थे, लेकिन दिल्ली सरकार का रवैया ऐसा था, मानों छत्तीसगढ़ हिंदुस्तान का हिस्सा नहीं है। इन नकारात्मक परिस्थितियों के बावजूद, मध्यप्रदेश से बीमारू राज्य के रूप में मिले छत्तीसगढ़ को डॉ. रमन सिंह ने विकास की नयी ऊंचाइयों पर लाकर खड़ा कर दिया।
उन्होंने कहा कि इस समय केंद्र में ऐसा प्रधानमंत्री है, जिसे छत्तीसगढ़ की तहसीलों-जंगलों में काम करने का अवसर मिला है। जिसके दिल में भी छत्तीसगढ़ को आगे बढ़ाने की तमन्ना है। आज छत्तीसगढ़ 18 साल का हो चुका है। किसी युवा की तरह वह भी तेजी से आगे बढ़ना चाहता है। मतदाताओं को किसी अभिभावक की तरह छत्तीसगढ़ के भविष्य के लिए जिम्मेदारी से कदम उठाने चाहिए। अऩ्यथा 18 से 23 की उम्र में यदि बच्चों पर ध्यान न दिया जाए, तो वे जिंदगीभर की मुसीबत भी बन सकते हैं। इस तरह की गलती करने का हक हमें नहीं है। उऩ्होंने कहा कि उन युवाओं की जिम्मेदारी ज्यादा है, जो पहली बार मतदान करने वाले हैं। उनके दादा-दादी, माता-पिता ने जिन कठिनाइयों को झेला, उन्हें खुद ऐसी कठिनाइयों में पड़ने से बचना चाहिए।

प्रधानमंत्री ने कहा कि बस्तर में पहले चरण के हुए मतदान में वहां के लोगों ने भारी मतदान कर नक्सलियों को जवाब दे दिया है। नक्सलवादियों ने बम और बंदूकों का भय दिखाया था। उन्होंने धमकी दी थी कि यदि वोट देने जाओगे तो मौत के घाट उतार दिए जाओगे। लेकिन गरीब आदिवासी के दिल में भी लोकतंत्र के प्रति श्रद्धा है। बस्तर के भाइयों और बहनों ने भारी मात्रा में मतदान करके बंद-बंदूक-पिस्तौल को करारा जवाब दे दिया। कश्मीर में पंचायत का चुनाव कराने से लोग कई सालों से कतरा रहे थे। हमने तय किया कि कश्मीरियत की कसौटी यह है कि कश्मीर के लोगों के हाथों में कश्मीर की ताकत होनी चाहिए। कश्मीर की सत्ता कश्मीर के लोग, कश्मीर के गांव चलाएंगे। हमने चुनाव का फैसला कर लिया। आतंकवादियों ने मौत के घाट उतारने की धमकियां दी थीं। लेकिन कश्मीर की जनता ने 60-70 प्रतिशत मतदान करके अलगाववादियों को करारा चांटा मारा है। यह काम हमारी सरकार कर सकती है। कश्मीर की धरती पर लोकतांत्रिक तरीके से चुनी हुई गांव की सरकार, पंचायत की सरकार आगे बढ़े, इसके लिए हमने रास्ता खोल दिया है। कांग्रेस को यह करने से किसने रोका था। वे आतंकवादियों के साथ पिछले दरवाजे से खेल खेलते थे।

Dinesh KG
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