रायपुर। नई दिल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की मौजूदगी में भाजपा की सदस्यता ग्रहण करने के बाद पूर्व कलेक्टर ओपी चौधरी ने ट्वीट कर भाजपा की सदस्यता लेने की सूचना सार्वजनिक की। उन्होंने कविताओं के माध्यम से अपनी बात कही। साथ ही भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और सीएम डॉ. रमन सिंह का भी उल्लेख किया। उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट पर कुछ इस तरह से अपनी भावनाओं को जाहिर किया है।
कर्तव्य पथ पर जो भी मिला, यह भी सही, वह भी सही..
वरदान नहीं माँगूँगा, हो कुछ, पर हार नहीं मानूँगा..!!
‘अटल जी के इन शब्दों को दिल में रखते हुए, मैंने माननीय अमित शाह जी और माननीय डॉ. रमन सिंह जी की उपास्तिथि में भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण की’, जिसके बाद से ही भाजपा द्वारा उन्हे बधाई देने का सिलसिला जारी है।
बता दें कि हाल ही कलेक्टर पद से इस्तीफा देने के बाद सुर्खियों में आए ओम प्रकाश चौधरी ने आज दिल्ली में भाजपा की सदस्यता ली। उन्हें भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने सदस्यता दिलाई। इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह भी मौजूद हैं। अंधरुनी तौर पर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने यह फैसला लिया है। हालांकि अभी तक इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई लेकिन तय माना जा रहा है कि ओमप्रकाश चौधरी खरसिया से ही चुनाव लड़ेंगे।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री रमन सिंह की गुड बुक में बतौर आईएएस अधिकारी ओपी चौधरी का नाम अव्वल रहा है। जिसके दो कारण बताए जाते हैं, पहला यह कि वे छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के ब्यांग गांव के रहने वाले हैं और उन्होंने छत्तीसगढ़ में ही कार्य करने की इच्छा जाहिर कर अपना मूल कैडर इस प्रदेश को चुना। दूसरा यह कि दंतेवाड़ा में कलेक्टर रहते हुए उन्होंने नक्सल प्रभावित इलाके को एजुकेशन हब में तब्दील किया, जिसके चलते तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह नें वर्ष 2011-12 में उन्हें प्रधानमंत्री एक्सीलेंस अवॉर्ड से सम्मानित किया। दंतेवाड़ा के बाद जनसंपर्क महकमे में बतौर आयुक्त और रायपुर में कलेक्टर रहते हुए उन्होंने सरकारी योजनाओं को लागू करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। जिसके चलते कलेक्टर ओपी चौधरी से मुख्यमंत्री रमन सिंह काफी प्रभावित रहे।
रायगढ़ की खरसिया सीट पर बीजेपी ने कभी भी जीत नहीं दर्ज की। कभी अटल लहर तो कभी मोदी लहर के बावजूद पिछले विधानसभा चुनावों में इस सीट पर बीजेपी को मुंह की खानी पड़ी थी। संयुक्त मध्यप्रदेश के दौरान से खरसिया विधानसभा सीट पर कांग्रेस का कब्जा रहा। खरसिया, कांग्रेस के दिवंगत नेता नंद कुमार पटेल की यह परम्परागत सीट रही। पिछले विधान सभा चुनाव के पहले 25 मई 2012 को बस्तर की झीरम घाटी में हुए नक्सली हमले में नंद कुमार पटेल की मौत हो गई थी। उनकी मौत के बाद हुए उपचुनाव में उनके बेटे उमेश पटेल ने इस सीट से जीत दर्ज की।
खरसिया विधानसभा, अगासिया समुदाय बहुल्य सीट है, जिसके बाद वैश्य समुदाय के सर्वाधिक वोटर हैं। ओपी चौधरी भी अगासिया समुदाय से आते हैं। बता दें कि ओपी चौधरी इस इलाके से पहले नौजवान हैं जिन्होंने सिविल सेवा परीक्षा में बाजी मारी। इस लिहाज से ओपी चौधरी का नाम गांव-गांव में मशहूर है। कलेक्टर बनने के बाद तो उनकी ख्याति ऐसी फैली कि इलाके के कई नौजावन उन्हें अपना आदर्श मानते हैं। अपने गृह नगर में ओपी चौधरी ने प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए कई शिविर भी लगाए।
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