समर्थन मूल्य पर धान खरीदी एक दिसम्बर से, पड़ोसी राज्यों से धान के अवैध आवक को रोकने नाकों में कड़ी चौकसी, जिले के सीमावर्ती जांच नाकों में चौबीसों घंटे होगी निगरानी, प्रत्येक नाके में चार-चार कर्मचारियों की तैनाती

जगदलपुर। राज्य शासन द्वारा प्रदेश में सहकारी समितियों के माध्यम से एक दिसम्बर से समर्थन मूल्य पर धान और मक्के की खरीदी की जाएगी। इस दौरान पड़ोसी राज्यों से धान के अवैध परिवहन कर राज्य के सीमावर्ती खरीदी केन्द्रों में बेचने की आशंका को देखते हुए कलेक्टर डाॅ. अय्याज तम्बोली ने बस्तर जिले के सभी सीमावर्ती जांच नाकों में धान के अवैध परिवहन पर कड़ाई से रोक लगाने चैबीसों घंटे विशेष निगरानी रखने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए नायब तहसीदारों के समन्वय में सीमावर्ती सभी चार जांच नाकों में दस-दस कर्मचारियों को तैनात किया गया है। इन कर्मचारियों की ड्यूटी तीन-तीन पालियों में लगाई गई है, जिससे नाकों में चैबीसों घंटे निगरानी हो सकेगी। उल्लेखनीय है कि राज्य शासन द्वारा समर्थन मूल्य पर धान की नगद और लिकिंग में खरीदी एक दिसम्बर 2019 से 15 फरवरी 2020 तक और मक्के की खरीदी एक दिसम्बर 2019 से 31 मई 2020 तक की जाएगी।
कलेक्टर के निर्देश पर धान के अवैध आवक को रोकने के लिए जिले के सीमावर्ती जांच नाका धनपूंजी में नायब तहसीलदार जगदलपुर श्री जीवेश सोरी को समन्वयक तथा मण्डी उपनिरीक्षक श्री बुधसिंह बघेल को प्रभारी बनाया गया है। इसके अलावा इस नाके में तीन पटवारी, तीन वनरक्षक और तीन नगर सैनिकों को तैनात किया गया है। इसी तरह कोलावल जांच नाका में नायब तहसीलदार बकावण्ड श्री कैलाश पोयाम को समन्वयक तथा मण्डी उपनिरीक्षक श्री अशोक शर्मा को प्रभारी, नलपावण्ड जांच नाका में नायब तहसीलदार बकावण्ड श्री टेकेन्द्र नुरेटी को समन्वयक और मण्डी उपनिरीक्षक श्री रमेश उप्पल को प्रभारी तथा तारापुर जांच नाका में नायब तहसीलदार बस्तर श्री किशोर साहू को समन्वयक और मण्डी उपनिरीक्षक श्री श्याम कुमार महापात्र को प्रभारी बनाया गया है। प्रत्येक जांच नाके में तीन पटवारी, तीन वनरक्षक और तीन नगर सैनिकों को तैनात किया गया है।
कलेक्टर ने धान के अवैध भण्डारण और परिवहन को रोकने के लिए पुलिस अधीक्षक, वन मंडलाधिकारी और जिला सेनानी, तहसीलदार और कृषि उपज मंडी के सचिव से भी कहा कि धान खरीदी के दौरान पड़ोसी राज्य के धान को यहां खपाने की आशंका होती है, जिस पर कड़ाई से रोक लगाने की जरूरत है। इसके साथ ही स्थानीय बिचैलियों द्वारा भी छोटे-किसानों से चिल्हर में धान खरीदकर पंजीकृत किसानों के धान के रकबे में बेचने का प्रयास किए जाने की संभावना रहती है। इसलिए धान खरीदी के दौरान पंजीकृत किसानों के रकबे में दूसरे प्रदेशों का धान खपाने की कोशिश करने वालों पर सख्त से सख्त कार्यवाही की जाए।

Dinesh KG
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