बीजापुर विधायक ने विधानसभा में उठाया “जाति संबंधी विसंगति” का मुद्दा, पढ़ें मंत्री का जवाब..

बीजापुर। क्षेत्रीय विधायक विक्रम मंडावी ने आज छत्तीसगढ विधानसभा की मानसून सत्र में बस्तर, बीजापुर जिले में व्याप्त जाति संबंधी विसंगतियों का मुद्दा उठाया। बस्तर संभाग में निवासरत् महार, माहरा, तेलंगा और प्रधान जातियों का मात्रात्मक त्रुटियों के सुधार पर कार्यवाही पर मंत्री से सवाल किया।

पढ़ें विधायक के सवाल पर मंत्री जी का जवाब…

सवाल: श्री विक्रम मंडावी

क्या आदिम जाति विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बस्तर संभाग में निवासरत महार, माहरा, तेलंगा एवं प्रधान जातियों का मात्रात्मक त्रुटियों के सुधार हेतु क्या कार्यवाही की गई है ? तथा इन्हें जाति प्रमाण पत्र कब जारी किए जायेंगे ? (ख) उक्त जातियों में मात्रात्मक त्रुटियों का सुधार करने की प्रक्रिया कब तक पूर्ण की जायेगी ? (ग) उक्त मात्रात्मक त्रुटियों के जातियों के छात्र-छात्राओं को स्कूल-कॉलेजों में प्रवेश के लिए क्या अस्थायी जाति प्रमाण पत्र जारी किया किए जाने की योजना है ?

जवाब :- आदिम जाति विकास मंत्री (डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम):

(क) भारत सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य के लिये अधिसूचित अनुसूचित जाति की सूची के अनुक्रमांक 33 में “महार” जाति शामिल हैं. छ. ग. शासन, सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र दिनांक 30.12.2017 द्वारा माहरा” जाति को “महार” जाति का हिन्दी में उच्चारणगत विभेद मान्य किया गया है. माननीय उच्च न्यायालय, छत्तीसगढ़ द्वारा दिनांक 20.03.2018 को पारित अंतरिम आदेश के अनुपालन में छ.ग. शासन, सामान्य प्रशासन विभाग के पत्र दिनांक 27.03.2018 द्वारा माहरा” जाति के प्रमाण पत्र जारी करने हेतु रोक लगाई गई है। छत्तीसगढ़ राज्य की पिछड़ा वर्ग की सूची के अनुक्रमांक 66 में “तेलंगा” जाति शामिल है। इसी तरह भारत सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य के लिये अधिसूचित अनुसूचित जनजाति की सूची के अनुक्रमांक 35 में “परधान” जाति शामिल है. इस जाति के साथ “परगनिहा” एवं “प्रधान” जाति को शामिल करने हेतु प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा गया था, जिस पर भारत के महारजिस्ट्रार द्वारा उक्त प्रस्ताव का समर्थन नहीं किया गया है। (ख) निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है. (ग) “महार”, “तेलंगा” एवं “परधान” जाति के छात्र-छात्राओं को जाति प्रमाण पत्र जारी किया जा रहा है। “माहरा” जाति के उच्चारणगत विभेद संबंधी प्रकरण पर माननीय उच्च न्यायालय, छत्तीसगढ़ के अंतिम निर्णय के पश्चात् आगामी कार्यवाही की जा सकेगी।

दिनेश के.जी. (संपादक)

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