06 साल से अधिक समय तक के परीक्षार्थियों से लिया स्नातक के लिये भर्ती अब बताया अपात्र, छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं – अभाविप

शुल्क माफी व वेबसाइट में समस्या समेत कई मांगो को लेकर कुलपति को सौंपा ज्ञापन

जगदलपुर। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के द्वारा सोमवार को विश्वविद्यालय की समस्याओं को लेकर ज्ञापन के माध्यम से अवगत कराया और समाधान करने की मांग की गई।
अभाविप जिला संयोजक कमलेश दीवान ने बताया कि कोरोना काल मे छत्तीसगढ़ के अन्य विश्विद्यालय विद्यार्थियों का परीक्षा शुल्क माफ कर रहे है बस्तर एक जनजातीय व अतिसंवेदनशील क्षेत्र होने के कारण यँहा भी विधार्थियों को शुल्क माफ या उचित कटौती करना चाहिए । अभाविप ने विश्वविद्यालय के बेवसाइट में आ रही तकनीकी समस्याओं को भी अवगत कराया जिस पर कुलपति ने ठीक करवाने का आश्वासन दिया।

5-6 साल के झमेले में फंसे छात्रों का भविष्य अंधेर में

श्री दीवान ने बताया कि कुलपति के समक्ष स्नातक विधार्थियों के लिये यूजीसी द्वारा तय किये गए 6 साल वाले गाइडलाइन जानकारी के अभाव में अब तक सैकड़ो विधार्थियों का भविष्य अधर में अभाविप ने विश्विद्यालय प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन की गलती का खामियाजा बस्तर के विद्यार्थियों को भुगतना पड़ रहा है। इसकी जानकारी वेबसाइट पर भी नहीं है और नहीं 06 साल से अधिक होने के बावजूद गाइडलाइंस के अनुसार एड्मिसन लेते समय कोई जानकारी कालेज के विवि के तरफ से दिया गया। अब डिग्री मिलने के बाद अपात्र बताया जाना छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ है। विश्विद्यालय इस समस्या को तत्काल दुरुस्त करें और इस साल एडमिशन लिए परीक्षार्थियों के शुल्क वापस करे और भविष्य में ऐसे विधार्थियों का एडमिशन स्वतः ही स्वीकर न हो।

ये रहे मौजूद

ज्ञापन सौंपने के दौरान अभाविप के विभाग संयोजक अर्पित मिश्रा, जिला संयोजक कमलेश दीवान, प्रतिज्ञा बाजपेयी, शुभम बघेल, वरुण साहनी, आसमन बघेल, तीरथ कशयप, समेत अभाविप कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

दिनेश के.जी. (संपादक)

सिर्फ खबरें लगाना हमारा मक़सद नहीं, कोशिश रहती है कि पाठकों के सरोकार की खबरें न छूटें..

Dinesh KG
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