बीजापुर। 17 मई 2013 तात्कालीन रमन सरकार में हुए नरसंहार की जांच रिपोर्ट से स्पष्ठ हो गया कि एडसमेटा में मारे गए 8 लोग नक्सली नही बल्कि आम आदिवासी नागरिक हैं। जस्टिस वी के अग्रवाल ने जांच रिपोर्ट के साथ ही नरसंहार की वास्तविक स्थिति स्पष्ठ हो गई हैं। एडसमेटा नरसंहार में सबसे पहले सीपीआई की टीम गांव पहुंची थी जिसमे सीपीआई के बस्तर संभागीय संयोजक और पूर्व विधायक ने इस पूरे मुठभेड़ को फर्जी करार दिया था।
जांच रिपोर्ट के आने के बाद आज सीपीआई बीजापुर जिला इकाई ने छत्तीसगड़ के मुख्यमन्त्री के नाम एसडीएम को ज्ञापन सौंपकर मुठभेड़ में शामिल जवानों पर कार्यवाही करने और मृतकों के परिजनों को पचास पचास लाख के आर्थिक सहायता और शासकीय नौकरी दिलाने का ज्ञापन सौंपा।