जगदलपुर। जन सरोकार के मुद्दों से किनारा कर बस्तर के जनप्रतिनिधि इन दिनों दिखावे की राजनीति में लगे हुए हैं। दरअसल दल्लीराजहरा-जगदलपुर रेल लाईन विस्तार को लेकर अंतागढ़ से 03 अप्रैल को शुरू की गई पदयात्रा 173 किलोमीटर का सफर तय कर मंगलवार को जगदलपुर पहुंची। इस पदयात्रा का कुम्हड़ाकोट से लेकर दंतेश्वरी मंदिर तक विभिन्न समाज व संघ संगठनों ने स्वागत भी किया। मांई दंतेश्वरी के पूजा अर्चना के बाद टाउन हॉल में आयोजित आमसभा के बाद पदयात्रा का प्रथम चरण समाप्त हुआ। इस पूरे आयोजन के दौरान विशेष कर जगदलपुर में पदयात्रा के आगमन और पहले चरण के समापन कार्यक्रम से वर्तमान विधायक और पूर्व विधायक की दूरी लोगों के बीच चर्चा का विषय बनी हुई है। विकास की बड़ी-बड़ी बातें करने वाले वर्तमान और पूर्व जनप्रतिनिधियों के निवास एवं कार्यालय के सामने से गुजरी इस जनांदोलन से जुड़ी पदयात्रा में उनकी अनुपस्थिति की नाराजगी शहर में साफ देखी गयी।
आंदोलन का समापन नही आगाज है – बस्तर चेम्बर ऑफ कॉमर्स
बस्तर चेम्बर ऑफ कॉमर्स अध्यक्ष मनीष शर्मा ने कहा कि अभी पहले चरण का आंदोलन खत्म हुआ है और बहुत जल्द दूसरे चरण की शुरुआत होगी उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि अंतागढ़ से शुरू किया गया रेल विस्तार की यात्रा आप सब की यात्रा है। बस्तर के समुचित विकास की यात्रा है। उन्होंने कहा कि मां दंतेश्वरी के चरणों में वंदन कर यह यात्रा की शुरूआत की गई थी और आज यह समापन की जा रही है।
उन्होंने कहा कि पदयात्रा की समापन है लेकिन रेल सुविधा विस्तार को लेकर आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि बस्तर अंचल के विकास के लिये खून पसीना बहाकर बस्तर के विकास का इतिहास रची जायेगी। उन्होंने कहा कि बस्तर से रेल मंत्रालय को अरबों का राजस्व मिलता है इसके बदले में बस्तर का केन्द्र सरकार ने बस्तरवासियों को उपेक्षा ही करती आई है। अरबों की कमाई करने वाला रेल मंत्रालय नहीं जागा तो आंदोलन रूप रेल रोको आंदोलन के साथ-साथ बस्तर से लौह अयस्क परिवहन एवं उत्खनन को लेकर आंदोलन किया जायेगा।
पदयात्रा व समापन समारोह के दौरान महापौर सफीरा साहू, शहर जिला अध्यक्ष राजीव शर्मा, बीपीएस अध्यक्ष मलकीत सिंह कोना, निर्मललोढ़ा, बलराम यादव, मिन्टकर, किशोर दुग्गड़, अनिल चंदेल, राजकुमार चंदवानी सहित विभिन्न समाजों के प्रमुख सहित नगर के गणमान्य नागरिक उपस्थित रहें।