बाफना का मुख्यमंत्री व कृषि मंत्री को पत्र, अतिवर्षा से खराब हुई फसलों की सरकार कराए विशेष गिरदावरी

जगदलपुर। बस्तर जिले में हुई अतिवर्षा व सीमावर्ती राज्य ओडिशा के द्वारा डैम के गेट खोलने से इंद्रावती नदी में आई बाढ़ के कारण निचले क्षेत्रों और नदी-नालों के पास वाले खेतों में बर्बाद हुई फसल की मुआवजा राशि व किसानों को राहत पहुंचाने को लेकर भाजपा के पूर्व विधायक संतोष बाफना ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल एवं कृषि व जल संसाधन मंत्री रविंद्र चौबे को पत्र लिखकर खराब हुई फसलों की विशेष गिरदावरी करवाकर उचित मुआवजे की सरकार से त्वरित कार्यवाही की मांग की है।

बताया है कि बस्तर जिले में 1 जुलाई से 15 अगस्त के मध्य हुई अतिवर्षा और इस वजह से होने वाले जलजमाव और बाढ़ ने किसानों को सबसे अधिक प्रभावित किया है। और अतिवर्षा के कारण इस बार धान जैसी फसल भी बहुत बुरी तरह से प्रभावित हुई है। एवं खराब हुई फसल को 15 अगस्त के पश्चात 2 सप्ताह का समय बीत चुका है किंतु अभी तक ना कोई राहत न मुआवजे के लिए फसलों की क्षति का आंकलन व नुकसान की भरपाई के लिए जिलेभर के पटवारियों व अन्य विभागों के अधिकारियों- कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से विभागीय सर्वे एवं राहत पहुंचाने के कार्य सरकार की ओर से नहीं हुए हैं। जिस वजह से जिलेभर के किसान चिंतित हैं।

कीट व्याधि के बढ़ते प्रकोप से किसानों पर आर्थिक बोझ बढ़ा

इसके अलावा बाफना ने बताया है कि, सामान्य क्षेत्र की बची हुई फसल पर भी कीट व्याधि के बढ़ते प्रकोप से किसानों पर आर्थिक बोझ भी बढ़ता जा रहा है। एवं लगातार भारी बारिश के कारण पानी खेतों में जमा होने से फसलों की वृद्धि भी रुक गई है। जिसका असर आने वाले समय में निश्चित तौर पर फसल उत्पादन पर भी होगा। इस प्रकार किसान दोहरे नुकसान की मार झेल रहा है। और सरकार की ओर से फौरी तौर पर राहत भी अब तक किसानों को नसीब नहीं हुई है।

सहकारी समितियों से खाद की नगद बिक्री बंद

जिले में जितनी सहकारी समितियां हैं वहां किसानों को उनकी मांग के अनुसार रासायनिक खाद नहीं मिल पा रहा है और नगद खाद खरीदी पूरी तरह से बंद कर दी गई है। और अपनी बची हुई फसल को बचाने किसान बाजार से ऊँची कीमत पर अमानक दर्जे की खाद की खरीदी करने को विवश हैं।

ठीक तरीके से हो नुकसान का आंकलन

पूर्व विधायक बाफना ने प्रशासन से किसानों की फसलों की क्षति का आकलन ठीक ढंग से हो इसके लिए पटवारियों व अन्य विभागों के अधिकारियों-कर्मचारियों की हड़ताल खत्म होते ही तत्काल प्रभाव से किसानों की शिकायत से पहले उनके खेतों में जाकर सर्वे कराया जाना सुनिश्चित किया जाए. सर्वे की वीडियोग्राफी अनिवार्य रूप से की जाए. पंचनामे पर किसान के हस्ताक्षर भी करवाने के निर्देश दिए जाएं. साथ ही यह सुनिश्चित किया जाए कि, मुआवजा शीघ्र-अतिशीघ्र किसानों को मिले। एवं कृषि विभाग की ओर से किसानों को निःशुल्क कीटनाशक दवाओं का वितरण व सहकारी समितियों में नगद खाद खरीदी की व्यवस्था शुरू करने की मांग की है।

दिनेश के.जी. (संपादक)

सिर्फ खबरें लगाना हमारा मक़सद नहीं, कोशिश रहती है कि पाठकों के सरोकार की खबरें न छूटें..

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