जगदलपुर। ग्राम पंचायतों को विभिन्न मदों में प्राप्त राशि का गबन करने वाले सरपंच और सचिवों के विरुद्ध कलेक्टर चंदन कुमार ने वसूली के साथ कड़ी कार्यवाही के निर्देश दिए।
मंगलवार को जिला पंचायत के प्रेरणा कक्ष में आयोजित समय-सीमा बैठक में कलेक्टर ने जिले में संचालित विकास कार्यों की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने पंचायतों के विकास के लिए उपलब्ध राशि का गबन करने वाले सरपंच-सचिवों के विरुद्ध वसूली एवं दण्डात्मक कार्यवाही में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना के तहत नए कार्यों के प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश भी दिए। इसके साथ ही 2020-21 में स्वीकृत ग्राम पंचायतों के विकास कार्यों को दिसंबर माह तक अनिवार्य रूप से पूर्ण करने के निर्देश दिए। कार्य पूर्ण नहीं होने पर सचिवों के साथ ही जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों के विरुद्ध कार्यवाही की चेतावनी भी उन्होंने दी। ग्राम पंचायत बाकेल में सचिव द्वारा शासकीय राशि के गबन के मामले में विभागीय जांच एवं बर्खास्तगी की कार्यवाही के निर्देश दिए। उन्होंने गोधन न्याय योजना के तहत गोबर खरीदी, खाद निर्माण व विक्रय की समीक्षा करते हुए सभी गौठानों को स्वावलंबी बनाने की दिशा में तेजी से कार्य करने के निर्देश दिए।
कलेक्टर ने इस दौरान सभी विभागीय अधिकारियों को विकास कार्यों के लिए प्राप्त राशि का सदुपयोग करने के निर्देश देते हुए कहा कि किसी भी कार्य के लिए प्रस्तुत देयकों का निरीक्षण अनिवार्य रुप से करें तथा अनाप-शनाप भुगतान किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं होगा और कड़ी कार्यवाही की जाएगी।
कलेक्टर ने अरहर, मूंग एवं उड़द की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर शासन द्वारा क्रय को महत्वपूर्ण बताते हुए किसानों के पंजीयन में तेजी लाने पर विशेष जोर दिया। कलेक्टर ने राजस्व विभाग के कार्यों की समीक्षा करते हुए नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन, डायवर्सन आदि प्रकरणों का निराकरण निर्धारित समयावधि के भीतर सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने भू-भाटक की वसूली के कार्य में तेजी लाने के निर्देश भी दिए। इसके साथ ही स्कूली विद्यार्थियों के जाति प्रमाण पत्र बनाने के कार्य में तेजी लाने के लिए आवेदनों की ऑनलाईन एंट्री के लिए अतिरिक्त कर्मचारी तैनात करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने स्वास्थ्य एवं पोषण की समीक्षा करते हुए हाट-बाजार क्लीनिक के माध्यम से अधिक से अधिक लोगों को स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करने के निर्देश दिए। वहीं कुपोषण को समाप्त करने के लिए उन आंगनबाड़ी केन्द्रों पर विशेष ध्यान दिए जाने की आवश्यकता बताई, जहां कुपोषण एवं एनीमिया की समस्या अधिक है।