संसद में गूंजा इंद्रावती नदी के जल संकट का मुद्दा, बस्तर सांसद महेश कश्यप ने उठाई आवाज

मैं बस्तर के हक के लिए सदैव प्रतिबद्ध हूं – सांसद महेश कश्यप
नई दिल्ली। बस्तर की जीवनदायिनी इंद्रावती नदी में उत्पन्न जल संकट का मुद्दा गुरूवार को संसद में गूंजा। बस्तर के सांसद महेश कश्यप ने इंद्रावती नदी में जोहरा नाला के जल प्रवाह को लेकर उत्पन्न स्थिति पर चिंता जताते हुए सरकार का ध्यान आकर्षित किया।
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सांसद महेश कश्यप ने जगदलपुर में गंभीर जल संकट और हजारों एकड़ में सूखती फसलों की स्थिति का उल्लेख करते हुए जलशक्ति मंत्री से जोहरा नाला एवं इंद्रावती नदी के बीच हुए 50-50% जलवितरण समझौते को शीघ्र लागू करने की मांग की। उन्होंने कहा कि यदि समय रहते कदम नहीं उठाए गए, तो क्षेत्र में पानी की समस्या और कृषि पर गहरा संकट आ सकता है।
सांसद महेश कश्यप कहा है कि वे बस्तर के हक और अधिकारों के लिए हमेशा प्रतिबद्ध रहेंगे। उन्होंने क्षेत्र की जल समस्या के स्थायी समाधान के लिए हर संभव प्रयास करने का संकल्प दोहराया।
उनकी इस पहल को क्षेत्र के किसानों और नागरिकों से सराहना मिल रही है, जो लंबे समय से जल संकट के समाधान की अपेक्षा कर रहे हैं।
समाधान होने पर क्षेत्रवासियों को मिलेगी बढ़ी राहत
यदि जोहरा नाला एवं इंद्रावती नदी के बीच 50-50% जलवितरण समझौते का शीघ्र क्रियान्वयन होता है, तो बस्तर क्षेत्र को बड़ी राहत मिल सकती है।
जगदलपुर शहर में पेयजल संकट दूर होगा, जिससे लाखों नागरिकों को नियमित और पर्याप्त मात्रा में पानी उपलब्ध हो सकेगा।
साथ ही, जल की उपलब्धता बढ़ने से किसानों को भी राहत मिलेगी। हजारों एकड़ में सूखती फसलें पुनः हरी-भरी होंगी, जिससे कृषि उत्पादन में वृद्धि होगी और किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।
जल संकट से जूझ रहे ग्रामीण इलाकों में भी जीवन की गुणवत्ता में सुधार आएगा।
इस पहल से न सिर्फ तत्कालिक राहत मिलेगी, बल्कि बस्तर के दीर्घकालीन जल प्रबंधन को भी मजबूती मिलेगी, जो भविष्य के लिए एक स्थायी समाधान साबित हो सकता है।