लक्ष्य की खोज…
लक्ष्य की खोज
मैंने अपने क्लास 12वीं से पास कई छात्रों से प्रश्न किया कि आपका लक्ष्य क्या है ? अधिकतर बच्चों की तरह बच्चों का जवाब हमेशा की तरह वही था , कि हमारा लक्ष्य इंजीनियर बनना है हमारा लक्ष्य डॉक्टर बनना है, आदि।
मैंने एक छात्रा से पूछा कि आपको डॉक्टर क्यों बना है।
अप छात्रा का जवाब था कि सर मुझे लगता है कि डॉक्टर बनकर मैं समाज की सेवा कर सकती हूं ।
मैंने उसे फिर पूछा कि ’आपका अर्थ यह है कि समाज की सेवा करना आपका लक्ष्य है या फिर डॉक्टर बनना आपका लक्ष्य है’ । सवाल सुनते ही छात्रा थोड़ी सी असमंजस में पड़ गई ।
मैंने उसे पुनः दोहराया कि तुम्हारा लक्ष्य समाज सेवा है अगर , तो इसके लिए और भी बहुत से रास्ते हैं । आप एक पॉलिटिशियन बनकर भी समाज की सेवा कर सकते हो , आप एक पुलिस वाले बनकर भी समाज की सेवा कर सकते हो , आप एक सफाई कर्मी बनकर भी समाज की सेवा कर सकते हो , यहां तक कि आप एक समाज सेवी संस्था से जुड़कर भी समाज की सेवा कर सकते हो , इसके लिए क्या यह खास बात है कि डॉक्टर ही केवल समाज की सेवा कर सकते हैं और वहां पर यह छात्र पूरी तरीके से कंफ्यूज हो गई ।
अब छात्रा ने खुलकर जवाब दिया और उसने कहा कि सर मुझे लगता है कि डॉक्टर बनकर मैं अच्छा पैसा कमा सकती हूं । उसका उत्तर सुनकर मैं फिर प्रश्न किया यानी कि आपका लक्ष्य पैसा कमाना है ना कि समाज सेवा । मैंने कहा एक कॉलेज की प्रोफेसर की सैलरी भी बहुत अच्छी होती है और वह अच्छे योग्य छात्र तैयार करके भी समाज की सेवा कर सकता है तो तुम एक प्रोफेसर भी बन सकती हो यहां पर डॉक्टर बनना तो जरूरी नहीं है ।
अब छात्र ने हंसते हुए कहा कि सर डॉक्टर ज्यादा फीस कम सकता है वह हर 10 मिनट के 500 कमा सकता है जबकि प्रोफेसर हर 10 मिनट के 500 नहीं कमा सकता ।
अब मैं भी छात्र को उसके सारे उत्तरों का एक निष्कर्ष देते हुए कहा कि तुम्हारा लक्ष्य पैसा कमाना है ना कि समाज सेवा और इस बात पर वह छात्र हां कहती है ।
अब मैं उसे बच्ची के मन को टटोलत हुए कहा कि मुझे लगता है कि अगर पैसा कमाना तुम्हारा लक्ष्य है तो तुम्हें बिजनेस करना चाहिए क्योंकि समाज का सबसे धनी जो वर्ग है वह सब व्यापारी वर्ग है , हमारे देश के दस सबसे धनी व्यक्ति भी व्यापार उद्योग ही चलाते हैं ।
अब उस छात्रा का मन थोड़ा सा बदल गया और उसने कहा कि सर मेरा लक्ष्य ऐसा काम करना है जिससे कि मैं काफी पैसा कमा सकूं चाहे वह डॉक्टर हो या फिर कुछ और ।
उक्त वार्तालाप से हमे यह समझ में आता है कि यह जो छात्रा थी , इसे यह पता ही नहीं था कि इसका लक्ष्य क्या है , क्योंकि यह लगातार अपने लक्ष्य के उत्तर को बदल रही थी और यह हमारे समाज के अधिकतर युवाओं के साथ है कि उन्हें अपना लक्ष्य आज तक नहीं पता ।
लक्ष्य छत्रपति के प्राण की तरह होता है , स्वराज यह एक लक्ष्य अब इस स्वराज की प्राप्ति के लिए जो भी कार्य किया जाए वह उसे लक्ष्य का हिस्सा माना जाएगा ।
चाणक्य का लक्ष्य अखंड भारत की स्थापना अब चाणक्य के इस लक्ष्य में अखंड भारत की स्थापना के लिए किए गए सारे कार्य आ जाते हैं वह चाहे चंद्रगुप्त को तैयार करना हो अथवा उसके द्वारा किया गया युद्ध ।
मेरा लक्ष्य था अपने शहर जगदलपुर में रहना और अब इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए चाहे में कोई भी कार्य करूं, मुझे ऐसा कार्य चाहिए जिसमें मैं अपने नगर में ही बस सकूं ।
अगर किसी युवा का लक्ष्य है आदर्श समाज की स्थापना तो इसके लिए वह एक न्यायाधीश भी बन सकता है और इसके लिए वह एक नेता भी बन सकता है और इस मार्ग में आने के लिए किए गए सारे कार्य इस लक्ष्य के अंदर आ जाते हैं और इस तरीके से युवा अपने लक्ष्य को पहचान सकते हैं ।
लक्ष्य के निर्धारण के समय लोग यह भी नहीं पहचान पाते हैं कि उनके लक्ष्य निर्माण की आवश्यकता क्या है , जैसे कि अपने स्वयं के उदाहरण से मैं यह कह सकता हूं कि जगदलपुर में बसने का जो मेरा लक्ष्य था इसके पीछे कारण है कि मैं अपने माता-पिता, परिवार ,रिश्तेदार तथा अपने मित्र गणों के बीच रह सकूं । इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए मेरे जीवन में यह भी जरूरी था कि मेरा विवाह भी जगदलपुर में ही हो ताकि मुझे विवाह की वजह से जगदलपुर से बाहर न जाना पड़े अतः मेरे जीवन में हुए सारे कार्य मेरे लक्ष्य से जुड़े हुए हैं । जगदलपुर में बसने के लिए जगदलपुर का सुरक्षित रहना आवश्यक है , और इसकी सुरक्षा के लिए अगर मुझे राजनीति में उतरना पड़े अथवा युवाओं को सही मार्ग दिखाने के लिए शिक्षक बनना पड़े और इस शहर में योगदान को बरकरार रखना पड़े तो वह भी मेरे लक्ष्य का हिस्सा हो जाएगा और इस तरीके से जगदलपुर में बसाने का जो मेरा लक्ष्य हो सकता है वह मुझे राजनीति की ओर भी ले जाए या वह मुझे एक शिक्षक बना दे । अब मान लेते हैं कि मैं अपने भविष्य में एक शिक्षक बन जाता हूं तो शिक्षक बना मेरा लक्ष्य नहीं था शिक्षक बनना तो मेरे लक्ष्य का एक हिस्सा था जो मुझे इस जगदलपुर में सुरक्षित रूप से रहने में सहायक है । ओर यही हमारे लिए समझना आवश्यक है ।
हो सकता है कि किसी का लक्ष्य अमेरिका में बसा हो तो अमेरिका में बसने के लिए किए जाने वाले सभी कार्य चाहे वह कोई पढ़ाई हो अथवा नौकरी या फिर शादी वह सभी उसके लक्ष्य की प्राप्ति में किए गए कार्य होंगे । और यही आपका लक्ष्य निर्धारित करता है इसलिए लक्ष्य क्या है इस सोने से पहले काफी विचार करना चाहिए और यह हमारे युवाओं को आज समझ में आना चाहिए ।
लक्ष्य का अर्थ होता है व्यक्ति का विशिष्ट उद्देश्य या लक्ष्य जो किसी व्यक्ति द्वारा प्राप्त करने के लिए निर्धारित किया जाता है। यह एक निर्धारित परिणाम या उपलब्धि होती है जिसे प्राप्त करने के लिए प्रयास किया जाता है। लक्ष्य व्यक्तिगत, पेशेवर, या संगठनात्मक हो सकते हैं और अक्सर एक निश्चित सीमा के भीतर प्राप्त करने के लिए निर्धारित किए जाते हैं।
स्वप्निल तिवारी
व्याख्याता, किलेपाल