छत्तीसगढ़ की धरती पर बाघों की दहाड़ यूं ही गूंजती रहे, इसके लिए शासन सतर्क, इंद्रावती टाइगर रिजर्व में तार में फंसकर घायल बाघ का रेस्क्यू, मंत्री केदार कश्यप बोले, ‘वन्यजीवों की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता’

जंगल सफारी में चल रहा इलाज, बाघ की स्थिति स्थिर
जगदलपुर। छत्तीसगढ़ के इंद्रावती टाइगर रिजर्व से एक राहत भरी खबर सामने आई है। यहां तार में फंसे एक 6 वर्षीय बाघ को वन विभाग की टीम ने सफलतापूर्वक रेस्क्यू किया। बाघ घायल अवस्था में था, जिसे तत्काल उपचार के लिए नया रायपुर स्थित जंगल सफारी भेजा गया है। फिलहाल बाघ की स्थिति स्थिर बताई जा रही है।
https://x.com/KedarKashyapBJP/status/1912842035255558276?t=fw0f_S7YOoDng7EUYNJCUw&s=19
वन मंत्री केदार कश्यप ने इस घटनाक्रम की जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर साझा करते हुए कहा –
“वन्यजीवों के संरक्षण के लिए हमारा वन अमला पूरी मुस्तैदी से कार्य कर रहा है। आज इंद्रावती टाइगर रिजर्व में तार के फंदे में फंसे घायल बाघ का हमारे अधिकारियों ने रेस्क्यू किया और उसे इलाज के लिए जंगल सफारी भेजा गया है। बाघ की हालत अब स्थिर है।”
मंत्री कश्यप ने यह भी स्पष्ट किया कि मामले की विस्तृत जांच के निर्देश दे दिए गए हैं। उन्होंने कहा,
“जो भी इस अमानवीय घटना का दोषी होगा, उसे किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।”
यह घटना जहां वन्यजीवों के प्रति मानवीय संवेदनाओं को झकझोरती है, वहीं वन विभाग की तत्परता और सरकार की गंभीरता भी दर्शाती है। इंद्रावती जैसे संवेदनशील रिजर्व क्षेत्र में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की आवश्यकता महसूस की जा रही है।
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छत्तीसगढ़ की धरती पर बाघों की दहाड़ यूं ही गूंजती रहे, इसके लिए प्रशासन सतर्क एवं सजग है और यही उम्मीद प्रदेशवासियों को सुरक्षित वन्यजीव भविष्य की ओर ले जाती है।