दहेज मुक्त विवाह और आध्यात्मिक सत्संग से मिली समाज को नई दिशा, आध्यात्मिक आयोजनों से जगेगी समाज में जागरूकता – महापौर संजय पाण्डे

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जगदलपुर। मुनिन्दर धर्मार्थ ट्रस्ट द्वारा आज शहर के सिटी ग्राउंड में एक प्रेरणादायक और समाज को दिशा देने वाला आयोजन किया गया। इस विशेष कार्यक्रम में आध्यात्मिक सत्संग के साथ-साथ दहेज मुक्त विवाह का आयोजन किया गया, जिसका उद्देश्य सामाजिक कुरीतियों का उन्मूलन कर स्वच्छ और संस्कारी भारत का निर्माण करना है।

कार्यक्रम की खास बात यह रही कि चार जोड़े बिना दहेज, बारात और बैंड बाजे के विवाह के पवित्र बंधन में बंधे। इन विवाहों ने समाज को यह संदेश दिया कि विवाह प्रेम, समझदारी और सामाजिक जिम्मेदारी का प्रतीक होना चाहिए, न कि दिखावे और दहेज की बोझिल परंपराओं का।

इसके अलावा, सात युवाओं ने महारानी अस्पताल में स्वेच्छा से रक्तदान कर मानवता का परिचय दिया, वहीं 100 लोगों ने “पेड़ दान संकल्प” फॉर्म भरकर पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लिया।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित महापौर संजय पाण्डे ने संत श्री रामपाल जी महाराज के मार्गदर्शन और ट्रस्ट की इस पहल की सराहना करते हुए कहा, “ऐसे आयोजन समाज को नई दिशा देते हैं। आध्यात्मिकता के माध्यम से ही समाज में फैली गरीबी, अशिक्षा और कुरीतियों को दूर किया जा सकता है।”

उन्होंने कहा कि दहेज प्रथा एक सामाजिक कलंक है और इससे मुक्ति पाने के लिए पूरे समाज को मिलकर प्रयास करना होगा। भारत की नीति वेद, पुराण और संतों के विचारों पर आधारित है और हमें इन्हीं मूल्यों के आधार पर देश को परम वैभव तक पहुँचाना है।

इस अवसर पर पूर्व विधायक राजा राम तोड़ेम, नगर निगम सभापति खेम सिंह देवांगन, एमआईसी सदस्य लक्ष्मण झा, शशिनाथ पाठक, दिनेश नाग, गणपत सेठिया, दुष्यंत साहू, पंकज दास, जगदीश दास, जयपाल सेठिया और वनवासी बघेल जैसे गणमान्य अतिथिगण भी उपस्थित रहे।

दिनेश के.जी. (संपादक)

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