बीजापुर। लोगों को शौच के लिए बहार न जाना पड़े इसके लिए प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालयों का निर्माण देश भर के गाँव कस्बों में किया जा रहा है।लेकिन पीएम के इस बड़े अभियान को बीजापुर में पलीता लगता दिख रहा है।
दरअसल जिले के भैरमगढ़ ब्लाक के सोमनपल्ली में संचालित आवासीय गुरुकुल विद्यालय में रहकर पढने वाले छात्राओं को शौचालय के आभाव में शौच के लिए आज भी उन्हें जंगल ही जाना पड़ रहा है। बच्चों को नित्यक्रिया के लिए हर दिन जंगल जाना होता है। यहाँ घना जंगली इलाका होने से बच्चों को जंगली जानवरों व सांप बिच्छुओं का डर हमेशा बना रहता है।संस्था में कहने के लिए शौचालयों का निर्माण तो कराया गया है।लेकिन ये सालों से खराब हालत में है। इसे ठीक करने के लिए विभाग बजट नहीं होने का रोना रो रहा है।500 सीटर के इस संस्था के संचालन का जिम्मा अधीक्षक अर्जुन उरसा पर है। लेकिन वे संस्था को अनुदेशकों के भरोसे छोड़ एक एक सप्ताह तक बाहर रहते है।सोमवार को जब पत्रकारों का दल यहाँ पहुंचा तो अधीक्षक हमेशा की तरह गायब रहे।500 सीटर के इस संस्था में उस दिन महज 209 बच्चें ही उपस्थित रहे। शौचालय के साथ संस्था की हालत भी दयनीय है। यहाँ के कमरों की दीवारें टूटी हुई है। जो बच्चों के लिए खतरे का सबब है।
यहाँ भी अंडा चिकन की डकैती
सोमनपल्ली आवासीय गुरुकुल विद्यालय में पढने वाले बच्चों के मुताबिक उन्हें माह में एक बार चिकन और सप्ताह में एक बार अंडा खिलाया जाता है। जबकि आदेश के मुताबिक बच्चों को हर बुधवार अंडा और हर रविवार को चिकन खिलाना है।इससे पहले भी अंडा और चिकन बच्चों को तय दिनों में नहीं दिए जाने के चलते नेलसनार और संगमपल्ली की अधीक्षिकाओं पर गाज गिर चुकी है। अब देखना यह है कि प्रशासन इस पर क्या कार्यवाई करता है।इस बारे में जानकारी लेने संबंधित अधीक्षक को फोन किया गया। लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया।
जांच कर करेंगे कार्यवाई- राठौर
जिला परियोजना समन्वयक विजेन्द्र राठौर ने कहा कि बजट के आभाव में टायलेट व कमरों का रिपेयर नहीं हो पा रहा है। बजट आते ही रिपेयर का काम करा दिया जाएगा। वही उन्होंने मेन्यू के संबंध में कहा कि अगर इसपर कमियां दिखी तो जांच अधीक्षक पर कार्यवाई की जाएगी।
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