बस्तर संभाग के सभी पंचायतों व गांवों में मनरेगा के शत्-प्रतिशत् कार्य संचालित करने कमिश्नर ने दिए निर्देश

जगदलपुर।संभाग के सभी पंचायतों व गांवों में मनरेगा के शत् प्रतिशत् कार्य की स्वीकृति देकर संचालित करने के लिए कमिश्नर श्री जी.आर. चुरेन्द्र ने संभाग के सभी कलेक्टर और मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत को अर्द्ध शासकीय पत्र के माध्यम से निर्देश दिए।

कमिश्नर श्री चुरेंद्र ने पत्र में उल्लेख किया है कि गांव-गांव में स्वरोजगार हेतु निर्माण कार्य यथा नया तालाब, डबरी का निर्माण, पहुंच मार्ग निर्माण, पुराने तालाबों-डबरियों में गहरीकरण एवं विस्तारीकरण, तालाबों व डबरियांे में पानी भरने कैचमेन्ट एरिया में कच्ची नाली का निर्माण आऊट लेट इन लेट के साथ करना, सिंचाई तालाबों का निर्माण, ग्रामीण क्षेत्रों में खेल मैदान का निर्माण, गांवों में सामूहिक बाड़ी विकास (गोठान गांवों के अतिरिक्त) धरसा पहुंच मार्ग निर्माण, आश्रम छात्रावास व विद्यालयों परिसर में समतलीकरण आदि कार्य लिया जा सकता है। इसके साथ उन्होंने जिले के अन्तर्गत संचालित मनरेगा के कार्य और प्रारंभ नहीं किए गए कार्यों की अभियान चलाकर आकलन करने के निर्देश दिए।

उन्होंने निर्देश दिए है कि सभी गांवों में 10 दिवस के अन्दर कार्य स्वीकृति व कार्य प्रारंभ करने की दृष्टि से सभी जनपद क्षेत्र अन्तर्गत सेक्टर मुख्यालयों में सर्व संबंधित कार्य विभागों, कार्य एजेंसियों के क्षेत्रीय अधिकारी-कर्मचारी की बैठक आयोजित करे। इस बैठक में सेक्टर मीटिंग में मनरेगा के कार्य प्रस्ताव प्राप्त करने विशेष ध्यान दिया जाए। सेक्टर मुख्यालयों में मनरेगा के कार्य का प्रस्ताव तैयार करने कार्य निर्धारित करने, नक्शा खसरा आदि प्रस्तुत करने की दृष्टि से राजस्व निरीक्षण, हल्का पटवारी, उपयंत्री तकनीकी सहायक, सरपंच, सचिव, रोजगार सहायक, ग्राम पटेल, प्राम कोटवार, कृषि विकास अधिकारी, ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी, फारेस्टर, वन रक्षक, जनपद सदस्यों आदि की संयुक्त बैठक करवाया जाए।

नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के ग्राम पंचायत एवं गांव में जहां नक्सली समस्या के कारण सरपंच सचिव व अन्य कार्य एजेंसी कार्य करने के नाम पर पीछे हटते है. ऐसे पंचायतों व गांवों को चिन्हांकित कर उन गांवों में रोजगार मूलक कार्य तत्काल स्वीकृत व प्रारंभ करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि बहुत से पंचायतों में कार्य कराने का अनुकूल माहौल रहता है और गांव वाले काम करना चाहते हैं. ऐसे गांवों में विशेष पहल किया जाए। इस तरह से कार्य कराने के लिए अधिकारियों को ग्रामों को गोद लेने के लिए निर्देशित करने कहा है। जिसके आधार पर सभी अधिकारी अपने गोद ग्राम में रोजगार मूलक कार्य मनरेगा व अन्य योजनाओं के तहत कार्य करने जिम्मेदार होगे। जिलों में अभियान के तहत् मनरेगा अंतर्गत व अन्य योजनाओं में अभिशरण कर कार्य कराया जाए। साथ ही मनरेगा से गोठान गांव में गोठानों के विशेष सक्रिय करने के निर्देश दिए हैं।

दिनेश के.जी. (संपादक)

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