“हर गहरी सुरंग के बाद एक उजाला आता है।” बस 73 साल की इसी उम्मीद का सहारा, बना पामेड़वासियों के घर का उजियारा, जहां की पीढ़ियां नहीं देख सकीं बल्बों की रौशनी, तेलंगाना के सहारे जागी वहां उम्मीद-ए-रौशनी
दिनेश के.जी., बीजापुर। इंटर स्टेट कॉरिडोर पामेड़ अब प्रकाशविहीन नहीं रहा। यहां अब रात में मिट्टी के दिये नहीं बल्कि बल्ब जला करेंगे। दीये कि धुंधली रौशनी का युग पामेड़…