रायगढ़। कोरोनो को जड़ से खत्म करने अब उम्र दराज बुजुर्गों ने भी कमर कस लिया है। शहर से लगे संबलपुरी निवासी 102 वर्षीय आसमती चौहान ने आज टीकाकरण सेंटर पहुंचकर टीके का दूसरे डोज लगवाया। जिले के उम्रदराज बुजुर्ग भी कोरोना को सिरे से खत्म करने टीका लगवाने आगे आ रहे हैं। वे न सिर्फ कोरोना वैक्सीनेशन करा रहे हैं, बल्कि कोरोना वैक्सीनेशन कराकर कोरोना को खत्म करने और टीका लगवाने के लिए समाज को एक सकारामत्क संदेश भी दे रहे हैं।
03 पुत्र व 03 पुत्रियों की माता आसमती चौहान पहले खुद कोटवार का काम करती थी। इसलिए ग्राम में उनकी अलग पहचान है। कोटवारी कार्य के अनुरूप किसी भी स्थिति परिस्थिति में गांव को सबल बनाने में वे हमेशा आगे रहती हैं। यही वजह है कि उन्होंने 102 वर्ष की आयु में भी कोरोना का टीका लगवा कर जिंदादिली होने और कोरोना को खत्म करने टीकाकरण कराने का संदेश दिया है। उन्होंने बताया कि जैसे ही जानकारी कि कोरोना को खत्म करने के लिए टीकाकरण ही उपाय है। इसलिए उन्होंने भी टीका लगवाया है। इससे वे अपने साथ अपने परिवार को भी सुरक्षित कर रही हैं। उन्होंने कहा कि जीवन अमुल्य है। कोरोना से बचने के लिए अपने और 18 वर्ष की आयु पार चुके सभी सदस्यों को कोरोना टीका लगवाना चाहिए। आसमती का बड़ा बेटा मनोहर चौहान कोटवार है और उनकी पुत्री गुखारी चौहान मितानिन है। इसी तरह धरमजयगढ़ विकासखण्ड के ठाकुरपोंढ़ी गांव के 71 वर्षीय सनीराम सुगा और 70 वर्षीय चमार साय ने कोरोना टीका लगवाया।
उन्होंने बताया कि अपने इतने वर्ष की आयु में हैजा, चेचक, मलेरिया आदि महामारी के बारे में सूना था, लेकिन ऐसी भयावह स्थिति तब नहीं थी। इतने वर्षों के उम्र में यह पहली महामारी है, जिसने लोगों को घरों से निकलना बंद करा दिया। उन्होंने कहा कि इस बीमारी की चेन को तोडऩे के लिए लाकडाउन ही अंतिम निर्णय के रूप में सामने आया है। लेकिन लाक डाउन से कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इससे अच्छा है कि 18 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुके सभी को कोरोना टीका लगवाये और अपने आपको सुरक्षित रखे। कोरोना टीका लगवाने वाले सभी लोग अपने साथ समाज को भी कोरोना मुक्त करने की दिशा में सहयोग दें।