जगदलपुर। बस्तर विश्वविद्यालय द्वारा संचालित शासकीय काकतीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय धरमपुरा के विधि संकाय में व्याप्त समस्याओं को लेकर विद्यार्थियों के प्रतिनिधिमंडल ने आज प्रभारी मंत्री कवासी लखमा व कुलपति को ज्ञापन सौंपा। छात्रों का कहना है कि विधि विभाग हमेशा से उपेक्षा का शिकार होता है। ज्ञात हो कि बस्तर संभाग में केवल दो स्थानों पर ही विधि की कक्षाएं संचालित होती हैं एवं बस्तर क्षेत्र में केवल एक कक्षा शासकीय पीजी कॉलेज में संचालित होती है, परंतु फिर भी इतने सालों से संचालन के पश्चात भी यहां कई सुविधाओं का अभाव है। जिन्हें लेकर विधि संकाय के सभी छात्रों ने 05 सूत्रीय मांगों को लेकर ज्ञापन सौमपा है। जिनमें प्रमुखतः
1) विधि संकाय में व्याख्याता का अभाव है। ज्ञात हो कि संभाग के सबसे बड़े कॉलेज में संचालित विधि विभाग के केवल एक व्याख्याता के भरोसे है। जिससे समय-समय पर पाठ्यक्रम पूरा ना होने की समस्या सामने आती रहती है। महाविद्यालय में केवल 2 पद की स्वीकृति है। छात्रों की मंग है कि महाविद्यालय में यूजीसी के अनुसार कम से कम 04 प्राध्यापकों के पद को स्वीकृत करते हुए पदस्थापना की जाए।
2) पूर्व में विधि संकाय का संचालन बस्तर हाई स्कूल जगदलपुर एवं रात्रि कालीन कक्षाएं आयोजित कराई जाती थी, जो कि वर्तमान में पीजी कॉलेज में संचालित हो रही हैं। इतने वर्षों के बाद भी विभाग को एक भी संरचना प्रदान नहीं की गई। जिसे कक्षाओं के संचालन में समस्याएं आती रहती हैं।
3)विधि विभाग के छात्रों के लिए प्रायोगिक अत्यंत आवश्यक है किंतु अभी तक मूट कोर्ट का बुनियादी ढांचा भीप्रदान नहीं किया गया।
4) बार काउंसिल ऑफ इंडिया में पंजीयन 2012 के बाद से शासकीय काकतीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में बीसीआई के द्वारा विधि विभाग के संचालन की मान्यता नहीं है। इसके मध्य हजारों छात्र अपनी शिक्षा पूर्ण कर चुके हैं। छात्रों ने आग्रह किया कि जल्द से जल्द बार काउंसिल ऑफ इंडिया से मान्यता प्रदान करवाई जाए।
5) संपूर्ण संभाग में एलएलबी की कक्षाएं संचालित होती है परंतु एलएलएम का पाठ्यक्रम नहीं है। जिसकी वजह से बस्तर के छात्र विधि के ज्ञान से पिछड़ते जा रहे हैं। वहीं कुछ बाहर के विश्वविद्यालय की ओर रुख कर रहे हैं, जो कि बस्तर जैसे सुदूर अंचलों के सभी परीक्षार्थियों के लिए संभव नहीं है।
इस दौरान विधि संकाय के समस्त छात्रों ने मंत्री कवासी लखमा एवं कुलपति एसके सिंह से आग्रह करते हुए कहा कि इन समस्याओं को जल्द से जल्द पूरा किया जाए। वहीं मांगे पूरी नहीं होने पर विद्यार्थी आगामी समय में वृहद छात्र आंदोलन हेतु बाध्य होंगे। जिसकी समस्त जिम्मेदारी विश्वविद्यालय प्रशासन की होगी। ज्ञापन सौंपने के दौरान के प्रभारी मंत्री व कुलपति ने छात्रों की सभी मांगों को जल्द पूरा करने का आश्वासन दिया।