जगदलपुर। बस्तर विकास प्राधिकरण अध्यक्ष लखेश्वर बघेल और संसदीय सचिव रेखचन्द जैन ने आसना स्थित बादल संस्था के विकास कार्यो का अवलोकन किया और विभिन्न समाजों से संबंधित साहित्यकारों और कला संस्कृति के जानकारों के साथ बैठक किए। इस दौरान बविप्रा अध्यक्ष बघेल ने कहा कि बस्तर के संस्कृति और समाजों की परम्पराओं के अभिलेखीकरण कार्य में तेजी लाने हेतु संभाग के समाज प्रमुखों की बैठक आयोजित करे। साथ ही उन्होंने आदिवासी संस्कृति-परम्परा एवं लोक नृत्य पर किताबें लिखने वाले साहित्यकारों तथा लोक नर्तक दलों के कलाकारों के सम्मान हेतु शासन को प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए। संसदीय सचिव रेखचन्द जैन ने कहा कि बादल संस्था के निर्माण कार्य को समय-सीमा में गुणवत्तायुक्त किया जाए। बादल संस्था के माध्यम से शासन द्वारा बस्तर की संस्कृति को संरक्षण और संवर्धन देकर अगली पीढ़ी तक हस्तातंरित करने की व्यवस्था का उन्होंने सराहना की।
बविप्रा अध्यक्ष बघेल और संसदीय सचिव जैन ने बादल के कलाकारों के आवासीय सुविधा, प्रशासनिक भवन, प्रदर्शनी स्थल, लाइब्रेरी स्थल का निरीक्षण किए और अभिलेखीकरण के कार्यों में आवश्यक संसाधनों की व्यवस्था करने तथा नृत्य दलों हेतु संगीत के संसाधन उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए। इस अवसर पर कलेक्टर रजत बंसल, सहायक कलेक्टर सुरूचि सिंह, उपायुक्त आदिवासी विकास विवेक दलेला, जिला शिक्षा अधिकारी भारती प्रधान सहित अन्य गणमान्य जनप्रतिनिधि, अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।
इसके उपरांत आसना में स्थित वन विभाग के उद्यान में निर्माणाधीन बस्तर के 8 आदिवासी जातियो से संबंधित संस्कृति के संरक्षण का डेमो का अवलोकन किए। वन विभाग के संग्राहालय, ईमली कैंडी, चिराैंजी प्रसंस्करण केन्द्र का जायजा लेते हुए महिला स्व-सहायता समूह के सदस्यों से रोजगार के अन्य अवसरों का उपयोग करने कहा। उन्होंने ईमली कैंडी के स्वाद लेकर इसके बेहतर मार्केटिंग करने के निर्देश वन विभाग के अधिकारी को दिए। वन विभाग द्वारा अगरबत्ती निर्माण केन्द्र का अवलोकन करते हुए संसदीय सचिव ने अगरबत्ती का पैकेट क्रय का महिला समूह के सदस्य को राशि दी।