बस्तर पुलिस का साल भर के आंकड़े जारी कर नक्सलियों के नुकसान का दावा, 74 एनकाउंटर, 50 से ज्यादा लाल-लड़ाकों को किया ढेर

539 माओवादियों का आत्मसमर्पण व 14 नये कैंपों सहित और भी बहुत कुछ..

जगदलपुर। बस्तर पुलिस ने आज प्रेसवार्ता कर साल भर की उपलब्धियों के आंकड़े जारी किये हैं। बीता साल फोर्स के लिए काफी उपलब्धियां भरा रहा। पूरे साल में नक्सली सिर्फ दो ही बड़ी वारदातों को अंजाम दे पाए। यहीं नहीं पूरे साल में पुलिस और नक्सलियों के बीच 74 बार आमाना-सामना हुआ और गोलीबारी हुई। इन मुठभेड़ों में ज्यादातर फोर्स के जवान नक्सलियों पर भारी पड़े और उन्हें मैदान छोड़कर भागना पड़ा। यही नहीं इसके अलावा पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बलों के जवानों के लिए एक और बड़ी उपलब्धि यह रही कि जवानों ने नक्सलियों के कोर एरिया में 14 से ज्यादा कैंप खोलने में सफल रहे।

पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी. ने मीडिया को संबोधित करते हुए बताया कि पूरे साल जवानों ने नक्सलियों को न सिर्फ कंट्रोल में रखा बल्कि फोर्स की पहुंच उनके कोर इलाके तक हो गई है। इसका फायदा यह हुआ कि जिन इलाकों को नक्सलियों ने काटकर रखा था, अब वह बस्तर के दूसरे क्षेत्रों से जुड़ रहा है और इन कटे हुए इलाकों में जवान सड़कों का निर्माण तेजी से कर रहे हैं। आने वाले दिनों में इन्हीं इलाकों में जवान ऑपरेशन लांच करेंगे।

नई परंपरा – स्थानीय भाषाओं में रखा अभियानों का नाम

इधर बीते साल पुलिस ने एक नई परंपरा शुरू की। नक्सलियों के खिलाफ आम जनता को जागरूक करने के लिए हर जिले में अलग-अलग अभियान चलाए गए। इन अभियानों को स्थानीय बोली भाषा में नाम दिया गया है। बस्तर में नक्सलियों के विरूद्ध चलाए गए अभियान को ‘आमचो बस्तर-आमचो पुलिस’ नाम दिया गया। इसी तरह बीजापुर में मनवा पूना बीजापुर, सुकमा में तेदूमंता बस्तर, दंतेवाड़ा में मनवा दंतेवाड़ा-मनवा पुलिस, लोन वर्राटू, नारायणपुर में निया नार-निया पुलिस कोंडागांव में आमचो पुलिस-आमचो संगवारी और कांकेर में जोहार संगवारी के नाम से अभियान चलाया जा रहे हैं। इन अभियान को लोकल कनेक्टविटी देने से स्थानीय लोग इनसे अधिक संख्या में जुड़ने भी लगे।

बस्तर संभाग में बीते साल भर में इन कामों को रही प्राथमिकता

  • बीते साल कोर नक्सल प्रभावित इलाकों में फोर्स ने करीब 680 किमी सड़कों का निर्माण पूरा करवा दिया है।
  • पल्ली बारसूर सड़क जो पिछले 30 सालों से बंद पड़ी थी, इस सड़क को फिर से शुरू किया गया है और जिन स्थानों पर सड़क बनाने की जरूरत थी वहां सड़क बनाई गई।
  • चिंतागुफा भेज्जी मार्ग को 25 सालों बाद दोबारा से शुरू करने के लिए कोलाईगुड़ा और करीगुण्डम में फोर्स ने दो नये कैंप खोले और इस पूरे इलाके में सड़क का निर्माण शुरू किया गया। अभी सड़क को और आगे बढ़ाया जा रहा है और मिनपा कैंप से निर्माण को ज्यादा सुरक्षा दी जा रही है।
  • बीते साल पुलिस ने अपनी निगरानी में इंद्रावती नदी में चार नये पुल बनवाए हैं। इनमें बड़ेकरका, छिंदनार, फूंडरी, नुगुर शामिल है। इनमें छिंदनार के पुल का काम पूरा हो चुका है और अन्य स्थानों पर भी काम प्रगति पर है।
  • पुलिस और अर्धसैनिक बलों के जवानों ने मिलकर नक्सलियों के गढ़ को ढहाने के लिए उनके कोर और प्रभाव वाले इलाकों में बीते एक साल में 14 नये कैंप खोले हैं। जिन स्थानों पर कैंप खोले गये हैं, वहां नक्सलियों ने सभी प्रकार के निर्माणों को रुकवा दिया था, अब कैंप खोलने के बाद निर्माण और विकास के काम फिर से शुरू हुए हैं।

इनामी माओवादी समेत कुल 467 गिरफ्तार

2021 में पुलिस और नक्सलियों के बीच करीब 74 मुठभेड़ें हुईं, इनमें 51 नक्सली मारे गये। यही नहीं पूरे साल में 467 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया और 539 नक्सलियों ने सरेंडर किया। इसके अलावा पुलिस ने 76 हथियार और 165 आईईडी भी बरामद किए। 539 आत्मसमर्पण में सबसे ज्यादा दंतेवाड़ा से 251 माओवादियों ने समर्पण किया।

प्रेसवार्ता के दौरान महानिरीक्षक सुन्दरराज पी. सहित, डीआईजी, संभाग के सभी जिलों के पुलिस अधीक्षक व बस्तर एड़िशनल एसपी ओपी शर्मा व सीएसपी किरण चव्हाण व अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

दिनेश के.जी. (संपादक)

सिर्फ खबरें लगाना हमारा मक़सद नहीं, कोशिश रहती है कि पाठकों के सरोकार की खबरें न छूटें..

Dinesh KG
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