अनूठी तकनीक : बस्तर-दशहरा में रथ निर्माण के लिए कटे वृक्षों के एवज में वृहद वृक्षारोपण, मटके से टपकती पानी की बूंदों से हो रही पौधों की सिंचाई

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जगदलपुर। बस्तर दशहरा में चलने वाले रथ को बनाने में लगने वाले पेड़ों की कटाई के एवज में चार गुना ज्यादा पौधे लगाए गये हैं। दशहरा वन वृक्षारोपण कम्पार्टमेन्ट 1150 पीएफ में 1.5 एकड़ में प्लांटेशन किया गया है। जिसमें साल, बीजा के लगभग 365 पौधे लगाए गये हैं। जिसकी सुरक्षा के लिए 10 एकड़ एरिया को तार फेंसिंग कर घेरा गया है। माचकोट रेंज के फॉरेस्ट रेंजर के अनुसार आने वाले समय में भी इस क्षेत्र में पौधों का रोपण किया जायेगा। उन्होंने बताया कि पौधों की सिंचाई के लिए मटके लगाए गए हैं, जिनसे लगातार टपकने वाले पानी की नयी पद्धति से सिंचाई की जा रही है। इसके लिए ग्राम पंचायत मार्केल-2 के सरपंच रजनी नाग, उप सरपंच संदीप डेनियल द्वारा पानी टेंकर से सिंचाई हेतु पानी दिया जा रहा है। वहीं वन प्रबंधन समिति बोदामुंडा के माध्यम से पौधों की सुरक्षा के लिए 01 सुरक्षा श्रमिक भी रखा गया है।

बता दें कि इस साल बस्तर दशहरा के महापर्व के दौरान रथ निर्माण के लिए वन परिक्षेत्र माचकोट से कई प्रजातियों के पेड़ काटे गये थे। जिसमें साल के 16, तिनसा के 04 पेड़ो की कटाई की गयी थी। साथ ही अन्य प्रजाति के भी लगभग 150 नग बल्लियों की कटाई की गयी थी। जिसके बाद इसकी भरपाई के तौर पर हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी वृहद पैमाने में वृक्षारोपण किया गया है, जिसके सफलतम परिणाम अब दिखने लगे हैं।

दिनेश के.जी. (संपादक)

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