जगदलपुर। कलेक्टर रजत बंसल ने कहा कि स्कूली बच्चों को उनके अध्ययन काल में ही जाति प्रमाण पत्र प्रदान करना शासन के विशेष प्राथमिकता में शामिल है। इस कार्य में लापरवाही बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने राजस्व एवं शिक्षा विभाग के अधिकारियों को समन्वय स्थापित कर निर्धारित समयावधि में बस्तर जिले के शत-प्रतिशत स्कूली बच्चों का जाति प्रमाण पत्र बनाने के निर्देश दिए हैं। श्री बंसल मंगलवार 22 फरवरी को कलेक्टोेरेट जगदलपुर के प्रेरणा कक्ष में आयोजित साप्ताहिक समय-सीमा की बैठक में उक्ताशय के निर्देश दिए हैं। उन्होंने इस कार्य में किसी प्रकार की लापरवाही बरतने वाले राजस्व अधिकारियों के अलावा प्राचार्यों एवं शिक्षा विभाग के अधिकारी-कर्मचारी के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की चेतावनी भी दी। बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी रोहित व्यास, अपर कलेक्टर अरविंद एक्का, सहायक कलेक्टर सुरूचि सिंह सहित राजस्व अनुविभागीय अधिकारी एवं विभाग प्रमुखगण उपस्थित थे।
बैठक में कलेक्टर बंसल ने जिले में ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने हेतु निर्मित की गई होम स्टे की रख-रखाव एवं व्यवस्थाओं की भी समीक्षा की। उन्होंने संबंधित जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को होम स्टे में ठहरकर वास्तविक स्थिति की जानकारी लेने के निर्देश भी दिए। मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लीनिक योजना के कार्यों की समीक्षा करते हुए कहा कि सभी हाट-बाजारों में लगने वाले क्लीनिकों के ओपीडी में मरीजों की संख्या समुचित होनी चाहिए। इसके लिए उन्होंने दिवाल लेखन, गांव में मुनादी आदि के माध्यम से इस योजना का समुचित प्रचार-प्रसार कराने के निर्देश दिए। राजीव गांधी युवा मितान क्लब के गठन के कार्यो की जानकारी ली तथा खेल अधिकारी को जिले के प्रत्येक ग्राम पंचायतों में इसका गठन अनिवार्य रूप से कराने के निर्देश दिए। उप संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं से जगदलपुर शहर में आवारा कुत्तों के कारण उत्पन्न समस्या से निजात दिलाने के उपायों की जानकारी लेते हुए उन्हें इसका समुचित उपाय सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
श्री बंसल ने जिले में शिक्षकों की कमी एवं एकल शिक्षकीय शालाओं की जानकारी ली तथा जिला शिक्षा अधिकारी को शिक्षकों की कमी की समस्या को निराकरण करने की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा। कलेक्टर ने राज्य शासन की महत्वाकांक्षी नरवा, गरवा, घुरूवा एवं बाड़ी योजना की समीक्षा करते हुए सभी गोठानों को बहुउद्देशीय केन्द्र के रूप में विकसित करने हेतु सभी उपाय सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने जिले के सभी स्कूलों एवं आश्रम छात्रावासों में भोजन सामाग्री के लिए महिला स्व-सहायता समूह से निर्मित उत्पादों को ही खरीदने के निर्देश दिए हैं।