पवन दुर्गम, बीजापुर। बस्तर में लूट और भ्रष्टाचार का अड्डा अगर आपको देखना है तो एक आप उन अंदुरुनी गांवों का सर्वे कीजिये जहाँ दो वक्त की रोटी और मूलभूत सुविधाओं के अभाव में आदिवासी गुजर बसर कर रहे हैं। दरअसल मामला बीजापुर जिले के गमपुर ग्राम पंचायत से जुड़ा है, जहाँ आजतक सड़क,बिजली,पानी,शिक्षा,स्वास्थ्य के नाम पर ग्रामीणों तक हमारी सरकार कुछ भी नही पहुँचा पाई है। लेकिन कागजी आकड़ो में अगर आप देखेंगे तो इन गांवों में भी जमकर आपको विकास दिखेगा।
मूलभूत राशि और 14वें वित्त से 2020-21 में लाखों रुपये डकारे
वित्तीय वर्ष 2020-21 में ग्राम पंचायत गमपुर में 16लाख 84 हजार 269रुपये विकास कार्यो में 14वे वित्त और मूलभूत राशि से आहरण कर जमकर सरपंच सचिव ने घपलेबाजी की है। मुरम ढुलाई, साफ-सफाई,हेण्डपम्प के सोखता गढ्ढो की पटाई से लेकर ग्रामीणों के लिए राशन ढुलाई के लिए बैलगाड़ी से परिवहन दिखाने से भी भ्रष्टाचारी सरपंच-सचिव नही चुके। वही 14 वे वित्त से 4 मार्च 2021 को 13लाख 21 हजार297रुपये खर्च दिखाया गया है।
वही दूसरी तरफ आपको बता दे कि गमपुर गांव में एक भी नल नही है, गांव के ग्रामीण बाशिंदे अपनी प्यास खेतो के गंदे पानी से वर्षभर बुझाते है। पहाड़ो से उतरने वाला पानी ही इस गांव के नसीब में है। इस गांव की सरपंच जिसका नाम हूँगी शोरी है जो कि अपनी ग्राम पंचायत छोड़कर दंतेवाड़ा जिले के भूसारास गांव में रहती है। और गांव का सचिव ग्रामीणों ने बताया कि बिल्लाराम ओयामी है। जो बीजापुर में रहता है। सरपंच सचिव दोनों कभी भी गांव में ग्रामीणों की समस्या जानने नही पहुँचते। मगर कागज़ो में दूसरी तरफ विकास कार्य दिखाकर लगातार राशि निकालने में और ग्रामीणों के हक और अधिकार का पैसा डकारने में मशगूल है। इन्ही सबके चलते गन्दे पानी के सेवन से गांव के बच्चों में कुपोषकता की भरमार है। जिसकी सुध लेना बीजापुर का प्रशासनिक अमला मुनासिब नहीं समझता या ये कह सकते हैं कि उसे कागज़ी विकास दिखाकर ये बताना है कि हमारी सरकार संवेदनशील है जो गमपुर जैसे अंदुरुनी गांव में भी विकास कर रही है।गांव के ग्रामीण एर्रा ने जानकारी दी कि गांव में किसी को कोई भी सरकारी योजना का लाभ नही मिलता है। जिससे जिम्मेदार सरपंच सचिव है। जो गांव का पैसा निकालकर खा रहे हैं।