बीजापुर। पूर्व वनमंत्री महेश गागड़ा ने शासन और जिला प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाये हैं। उन्होंने प्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि बीजापुर अब मात्र कमीशन खोरी वाला जिला बन कर रह गया है। विकास के नाम पर खानापूर्ति मात्र हो रही है। क्षेत्र के विकास को लेकर सरकार गंभीर नहीं, बस कमीशन मात्र तक सिमट कर रह गयी है।
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पूर्व वनमंत्री महेश गागड़ा ने कहा कि बीते दिनों वे जिले के स्वास्थ्य केंद्रों के निरीक्षण के लिए निकले थे। पूर्व मंत्री ने आरोप लगाया है कि मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर गंभीर नहीं हैं। मच्छरदानियां लोगों को नहीं बांटी जा रही है। वहीं स्कूलों, आश्रमों और अंदरूनी क्षेत्रों के ग्रामीणों तक मच्छरदानी बांटने की बजाय सप्लाई और ठेके के कमीशन में प्रशासन मशगूल है। महेश गागड़ा ने आरोप लगाते हुए कहा कि वे बाढ़ में पीड़ित 22 परिवारों से मिलने कांडला भी गए थे, वहां स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन की बजाय भाजपा ने मच्छरदानियां बांटी हैं। जिले के हॉस्पिटल में दवाइयों की कमी है और विभागीय अधिकारी कमरों में आंकड़े गिनाने में व्यस्त हैं।
“सीएमएचओ ने सीजीटाइम्स को बताया कि जिले में इस तरह की कोई स्तिथि नहीं है। वहीं कलेक्टर के निर्देश पर मच्छरदानी का वितरण किया जा रहा है। स्वास्थ्य केन्दों में डबल बेड लगाकर मच्छरदानी लगवाया जा रहा है। साथ ही दवाईयों की पर्याप्त मात्रा उपलब्ध है।”