जगदलपुर। रियासत कालीन श्रीजगन्नाथ मंदिर में 360 आरण्यक ब्राह्मण समाज के द्वारा प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी देवउठनी एकादशी के दूसरे दिन आज शुक्रवार को भगवान शालीग्राम के साथ तुलसी का श्रीशुभ विवाह वैदिक मंत्रोचार के साथ आरण्यक ब्राह्मणों के द्वारा परंपरानुसार संपन्न करवाया गया। इस अवसर पर 360 आरण्यक ब्राह्मण समाज के सदस्यों ने वर परमानंद पांडे गुनपुर एवं वधू पक्ष अश्वनी पांडे गुनपुर ने भूमिका का निर्वहन कर भगवान शालीग्राम के साथ तुलसी का श्रीशुभ विवाह में भगवान शालीग्राम की बारात निकालकर तुलसी के संग पाणिग्रहण पंडित बसंत पंडा द्वारा संपन्न करवाया।
360 आरण्यक ब्राह्मण समाज के अध्यक्ष ईश्वर खंबारी ने बताया कि भगवान शालीग्राम के साथ तुलसी का श्रीशुभ विवाह का आयोजन श्रीजगन्नाथ मंदिर में विगत कई वर्षों से अनवरत जारी है। आज देर शाम गोधूली वेला में विधि-विधान पूर्वक मंदिर परिसर से भगवान शालीग्राम की बारात गाजे-बाजे के साथ निकाली गई। बारात रथ परिक्रमा मार्गों से होती हुई वापस मंदिर पहुंची। इस दौरान घरातियों ने बारातियों का परंपरानुसार स्वागत किया गया। श्रीजगन्नाथ मंदिर परिसर में वर-वधू के विवाह मंडप सजाया गया था, जहां वैदिक मंत्रोच्चार के साथ शालीग्राम के साथ तुलसी का श्रीशुभ विवाह संपन्न हुआ। जिसके उपरांत उपस्थित श्रद्धालुओं को भोग प्रसाद का वितरण किया गया।
इस दौरान कार्यक्रम में सुदर्शन पाणिग्राही, आत्माराम जोशी, राकेश पांड़े, नरेंद्र पाणिग्राही, बनमाली पाणिग्राही, रविन्द्र पांडे, मिथलेश पाणिग्राही, कौशल पांडे, विवेक पांडे, चोखेलाल पाणिग्राही, उमेश पांडे, खिरेंद्र पांडे, सत्यनारायण पांडे, वेणुधर पाणिग्राही, श्रीराम जोशी, दिनेश पाणिग्राही, केशराज आचार्य, आशा आचार्य, गजेंद्र पाणिग्राही, किशोर पांडे, आशु आचार्य, श्याम सुंदर जोशी, ललित पांडे, मायाधर जोशी, मधुसूदन पांडे, बिम्भाधर पांडे, प्रेमकांत जोशी, सोहन पांडे, अनत प्रसाद पांडे, योगेश पाणिग्राही, प्यारेलाल पाढ़ी सहित विभिन्न ग्रामों से आये समाज के सदस्य बड़ी संख्या में उपस्थित थे।