जगदलपुर। कोरोना की विभीषिका से जहां सारी दुनिया जूझ रही है वहीं बस्तर के जंगलों में छिपे माओवादी भी इससे अछूते नहीं हैं। बताया जा रहा है कि दक्षिण बस्तर में बीते दो दिनों में दस से ज्यादा नक्सलियों की मौत हो चुकी है। मौत की वजह कोरोना संक्रमण और फुड़ पॉइज़निंग बताई जा रही है। पुलिस अधीक्षक दंतेवाड़ा डाॅ. अभिषेक पल्लव ने मीडिया को दिए बयान में दावा करते हुए बताया कि बीते कुछ दिनों से नक्सलियों में कोेरोना संक्रमण का प्रसार हुआ है। वहीं बडी संख्या में नक्सली बीमार हैं। ये नक्सली इलाज के लिये दर-दर भटक रहे हैं, लेकिन समय पर इलाज नहीं मिलने की वजह से तकरीबन दस से ज्यादा नक्सलियों की मौत हो चुकी है। इधर बडी संख्या में बीमार नक्सली अब भी इलाज के लिये परेशान हैं। पुलिस अधीक्षक अभिषेक पल्लव ने बीमार नक्सलियों से अपील की है कि वे समर्पण कर दें ताकि उनका समय पर सही उपचार किया जा सके। एसपी ने यह भी बताया कि सरेंडर करने पर उन्हें समर्पण नीति का भी पूरा लाभ दिया जायेगा।
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वहीं बीजापुर जिले के थाना गंगालूर अंतर्गत पालनार के जंगलों में नक्सल कैम्प पर रेड के पश्चात माओवादियों के दैनिक उपयोगी सामग्री एवं दस्तावेज बरामद किये गये हैं। बीजापुर पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार सीपीआई माओवादी संगठन के किसी सदस्य द्वारा सीनियर माओवादी कैडर के लिए लिखा गया पत्र भी जप्त किया गया है। बरामद की गई दस्तावेज से विगत दिनों में बीमारी से मरने वाले माओवादियों के नाम व उनका विवरण मिला है। जिसमें PLGA बटालियन के कैडर्स सहित अनेक माओवादियों का मृत्यु होने के संबंध में पत्र में उल्लेख किया गया है। साथ ही बीमारी से बचने के लिए कई माओवादी कैडर संगठन छोड़कर भागने की भी जानकारी का खुलासा हुआ है। वहीं जोनल कमेटी सदस्य द्वारा नीचे स्तर के कैडर्स को सही जानकारी नहीं देने का भी आरोप लगाया गया है।
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