सुकमा। कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी सुकमा विनीत नंदनवार द्वारा जगरगुंडा थाना क्षेत्र सिलगेर में हुई घटना के दंडाधिकारी जांच के निर्देश दिए गए हैं। दण्डाधिकारी जाँच हेतु नियुक्त डिप्टी कलेक्टर रूपेंद्र पटेल द्वारा घटना स्थल तक जाने का प्रयास किया गया किन्तु ग्रामीणों के विरोध के कारण नही जा पाए। जिसके कारण जांच प्रभावित हो रही है।
उन्होंने बताया कि वे दो दिनों से बीजापुर में है और सिलगेर स्थित घटना स्थल पहुंचने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं किन्तु ग्रामीणों के विरोध के चलते अथक प्रयासों के बाद भी वह तर्रेम तक ही पहुँच पाए। ग्रामीणों ने सड़क पर पेड़, पत्थर आदि डालकर मार्ग बाधित कर रखा है। तर्रेम क्षेत्र के आसपास ग्रामीणों से चर्चा करने की कोशिश भी की लेकिन कुछ साक्ष्य हासिल नहीं हुए। वहां से आगे ग्रामीणों के विरोध के कारण घटना स्थल तक नही पहुँच पाए। उन्होंने कहा है कि घटना के सम्बंध में कोई भी व्यक्ति अपना पक्ष रखना चाहता है तो वो निडर होकर अपना पक्ष रख सकते हैं। व्यक्ति के लिए आवाजाही की व्यवस्था प्रशासन द्वारा की जाएगी।
भाजपा की जांच कमेटी को प्रशासन ने तर्रेम थाना के आगे रोका
13 मई की सिलगेर में घटित घटना की जांच हेतु भारतीय जनता पार्टी ने एक जांच कमेटी नियुक्त की है। जिसमें दिनेश कश्यप, महेश गागड़ा, किरणदेव, लता उसेण्डी, सुभाऊ कश्यप व राजा राम तोड़ेम शामिल हैं। उक्त टीम घटना स्थल व मृतकों के परिवारजनों से भेंटकर सत्यता की जांच कर 07 दिवस में संगठन को जांच रिपोर्ट सौंपने वाली है। इसी कड़ी में आज जांच कमेटी सिलगेर के लिये रवाना हुई थी, जहां प्रशासन ने उन्हे तर्रेम में ही रोक दिया।
पूर्व मंत्री महेश गागड़ा ने ट्वीट कर आरोप लगाया है कि सिलगेर जा रही भाजपा की जांच समिति को प्रशासन द्वारा तर्रेम थाना के आगे जाने नहीं दिया गया। घटना की सच्चाई छिपाने के लिए कांग्रेस सरकार हर हथकंडे अपना रही है। संवेदनशीलता का ढोंग रचने वाले मुख्यमंत्री जी की चुप्पी बस्तरवासियों के खिलाफ किसी बड़े षड़यंत्र की ओर इशारा कर रही है।
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