महारानी अस्पताल में निःशुल्क सीटी स्कैन की सुविधा से मरीजों को मिली राहत, मशीन से कई प्रकार की बीमारियों की हो रही पहचान, हर माह ढाई सौ से तीन सौ मरीजों का किया जा रहा स्कैन

जगदलपुर। महारानी अस्पताल में सीटी स्कैन मशीन की सुविधा क्षेत्र के गरीब मरीजों के लिए वरदान साबित हो रही है। उन्नत तकनीकी की इस मशीन से कई प्रकार की बीमारियों की पहचान हो रही है। आमतौर पर सीटी स्कैन मशीन की सुविधा मेडिकल कॉलेज में उपलब्ध कराई जाती है, किन्तु यह सुविधा महारानी अस्पताल में भी उपलब्ध है, जो एक जिला अस्पताल है। सीटी स्कैन जांच काफी खर्चीली जांच है। निजी संस्थानों में इसकी जांच ढाई से तीन हजार रुपए से शुरू होती है और विभिन्न रोगों की जांच के लिए पांच से आठ हजार रुपए तक शुल्क लिए जाते हैं। सीटी स्कैन से शरीर के चोटों के अलावा विभिन्न अंदरूनी अंगों की बीमारियों की पहचान भी आसानी से होती है। शासन द्वारा सीटी स्कैन के महत्व को देखते हुए महारानी अस्पताल में जांच की सुविधा प्रारंभ करने का निर्णय लिया गया और इसके लिए कलेक्टर श्री रजत बंसल ने भी पर्याप्त रुचि दिखाते हुए इसके शीघ्र प्रारंभ करने की व्यवस्था की।

कोरोना संक्रमण के दौरान भी सीटी स्कैन जांच की मांग बढ़ गई थी और उस दौर में निजी संस्थानों में पांच-पांच हजार रुपए जांच शुल्क लिए जा रहे थे, उस दौरान महारानी अस्पताल में निःषुल्क सीटी स्कैन की जांच सुविधा ने लोगों को काफी राहत दी। रेडियोलाॅजिस्ट डाॅ मनीष मेश्राम ने बताया कि महारानी अस्पताल में प्रति माह 250-300 सीटी स्कैन किए जा रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि महारानी अस्पताल में कैंसर के टुकड़ा जांच की सुविधा भी उपलब्ध है और अंबेडकर अस्पताल के साथ महारानी अस्पताल ऐसा प्रदेश का दूसरा सरकारी संस्थान है, जहां यह सुविधा उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि यहां कैंसर चिकित्सक डाॅ भंवर शर्मा और उन्होंने मेकाहारा से इस जांच का विशेष प्रशिक्षण प्राप्त किया है। इससे कैंसर की पहचान शीघ्र हो रही है, जिससे कारण शीघ्र उपचार प्रारंभ करने से मरीजों का उपचार भी आसान हो जाता है। उन्होंने बताया कि सीटी गाईडेड बायोप्सी अंको लाॅएक अति विशिष्ट प्रक्रिया होती है जो केवल प्रशिक्षित विशेषज्ञ द्वारा की जा सकती है। यह प्रक्रिया कैंसर जैसी बीमारी जानलेवा बीमारी के पता लगाने हेतु बहुत ही कारगर साबित होती है जिससे की मरीजों का यथाशीघ्र उचित इलाज शुरू किया जा सके। इस प्रक्रिया में शरीर के अंदरूनी भागों से बीमारी का अंश निकालकर उसकी जांच करके उसमें उपस्थित कारणों का पता लगाया जा सकता है यह जांच सीटी गाइडेड के तरीके से करने पर मात्र एक सुई एवं सीटी स्टैंड की आधुनिक प्रणाली का इस्तेमाल करके उसी दिन मरीज को अस्पताल से छुट्टी दी जा सकती है सामान्य तरीके से यह जांच करने पर मरीज को कई दिनों तक अस्पताल में रहना पड़ता है एवं बड़े ऑपरेशन जैसी प्रक्रिया से गुजर ना होता है। सीटी गाइडेड बायोप्सी में मरीजों की समय के साथ धन की भी बचत होती है । इतनी उच्च स्तरीय जांच प्रक्रिया भी अब जगदलपुर महारानी जिला चिकित्सालय में उपलब्ध है । यह प्रक्रिया विशेषज्ञ रेडियोलॉजिस्ट डॉ मनीष मेश्राम एवम कैंसर विशेषज्ञ डॉ भंवर शर्मा के सहयोग से संभव हो पाई है, अन्यथा इस जांच हेतु मरीजों को रायपुर या विशाखापट्टनम जैसी जगहों की ओर रुख करना पड़ता था जो की इस कोरोनाकाल में और भी ज्यादा मुश्किल है। पूरे छत्तीसगढ़ राज्य के जिला चिकित्सालय स्तर पर यह जांच सुविधा सर्व प्रथम जिला चिकित्सालय जगदलपुर में आधुनिक सीटी स्कैन मशीन की उपलब्धता के साथ हुई है । वैश्विक महामारी के दौर में ऐसी आधुनिक चिकित्सकीय सुविधा सरकारी जिला चिकित्सालय स्तर पर ही हों पाना अभूतपूर्व सफलता है।

काॅन्ट्रास्ट तकनीक पर आधारित सीटी स्कैन जांच सुविधा प्रारंभ करने की हो रही कवायद

वर्तमान में महारानी अस्पताल में उपलब्ध सीटी स्कैन की सुविधा को और अधिक बेहतर बनाने के लिए यहां काॅन्ट्रास्ट तकनीक पर आधारित जांच सुविधा प्रारंभ करने की कवायद शुरु की जा रही है। इससे बारीक से बारीक नसों की बीमारियों को भी पकड़ना और अधिक आसान हो जाएगा। फिलहाल यह सुविधा प्रदेष के किसी भी जिला स्तरीय अस्पताल में उपलब्ध नहीं है, इसलिए यह सुविधा प्रारंभ होने पर क्षेत्र के मरीजों को और अधिक राहत मिलेगी और ऐसी सुविधा के लिए किसी महानगर पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा।

दिनेश के.जी. (संपादक)

सिर्फ खबरें लगाना हमारा मक़सद नहीं, कोशिश रहती है कि पाठकों के सरोकार की खबरें न छूटें..

Dinesh KG
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