जगदलपुर। छत्तीसगढ़ राज्य वन्य प्राणियों के गलियारों (कॉरीडोर) की पहचान कर उनके संरक्षण, संवर्धन एवं प्रबंधन के लिए कार्ययोजना राज्य कैम्पा के माध्यम से तैयार करना प्रस्तावित है। “वन्यप्राणी कॉरीडोर संरक्षण एवं संवर्धन’’ हेतु चरणबद्ध ढंग से योजना निर्माण के लिए वन वृत्त जगदलपुर के समस्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिए जगदलपुर स्थित वन विद्यालय में सोमवार को “प्रशिक्षण सह कार्यशाला’’ की शुरूआत की गई। कार्यशाला का उद्देश्य वन्यप्राणी कॉरीडोर का संरक्षण एवं विकास के लिए प्राथमिक सर्वेक्षण कर तद्नुसार योजना निर्माण करना है। इस कार्यशाला के प्रतिभागी जगदलपुर वृत्त के समस्त वनमण्डलाधिकारी, कांगेर घाटी नेशनल पार्क के निदेशक, बस्तर वनमण्डल एवं कांगेर घाटी नेशनल पार्क के समस्त उप वनमण्डलाधिकारी, परिक्षेत्र अधिकारी एवं समस्त क्षेत्रीय अमला उपस्थित रहे।
मुख्य वन संरक्षक मो. शाहिद द्वारा अपने प्रारंभिक उद्बोधन में सभी अधिकारियों-कर्मचारियों से सैद्धांतिक एवं प्रायोगिक दोनों ही प्रशिक्षण की बारीकियों को समझ कर तद्नुसार स्थल अनुरूप वन्यप्राणी कॉरीडार के संरक्षण एवं विकास हेतु कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिये गये। प्रशिक्षण में वाईल्ड लाईफ एवं वी प्रोटेक्शन फाउण्डेशन के जी.आई.एस.एनालिस्ट श्री इश्तिआक अहमद पटेल द्वारा दिया गया। इसमें मुख्यतः चयनित कॉरीडोर में जी.पी.एस. से नेविगेशन कर पहुंचना एवं वर्तमान में कॉरीडोर से संबंधित आवश्यक प्रपत्रों में वन एवं वन्यप्राणियों से संबंधित जानकारियों को भरे जाने हेतु सैद्धांतिक प्रशिक्षण जगदलपुर में तथा प्रायोगिक प्रशिक्षण जगदलपुर परिक्षेत्र के गुड़िया वीट में दिया गया।
06 दिनों तक चलने वाले इस प्रशिक्षण सह कार्यशाला में 15 जून को वनमण्डल सुकमा, 16 जून को वनमण्डल दंतेवाड़ा, 17 जून को वनमण्डल बीजापुर एवं इंद्रावती टायगर रिजर्व में आयोजित किया जाएगा एवं 19 जून को जगदलपुर में समस्त प्रशिक्षण का आंकलन किया जाएगा। इस कार्यशाला में वनमण्डलाधिकारी बस्तर सुश्री स्टायलो मण्डावी, निदेशक कांगेर घाटी श्रीमती विजया कुर्रे, वनमण्डलाधिकारी दंतेवाड़ा श्री संदीप बल्गा एवं वनमण्डलाधिकारी सुकमा श्री जाधव सागर रामचंद्र उपस्थित रहे।