जगदलपुर सीट पर टिकी लोगों की नज़र, चार पार्टियों के बीच दिलचस्प होगा चुनाव, आखिर किसके सर पर सजेगा जगदलपुर सीट का ताज..??

जगदलपुर। छत्तीसगढ़ में इस साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं। इसी कड़ी में बस्तर जिले की जगदलपुर विधानसभा सीट पर काफी द्वंद है। जगदलपुर में जीत के चौके पर भाजपा की नज़र है तो बाकी पार्टियाँ भी देंगी टक्कर। नक्सल प्रभावित बस्तर जिले की जगदलपुर विधानसभा पर इस बार होने वाले विधानसभा चुनाव काफी दिलचस्प होंगे। जगदलपुर में इस बार भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के अलावा आम आदमी पार्टी व जनता कांग्रेस भी यहां पर अपनी किस्मत आजमा रही है।

बस्तर जिले का अधिकतर प्रशासनिक काम जगदलपुर से ही होता है। जगदलपुर विधानसभा सीट पर पिछले तीन बार से भारतीय जनता पार्टी ही जीतती आ रही है, बीजेपी को कोशिश रहेगी कि वह इस बार जीत का चौका जमाने में सफल रहे।

2013 में यहां से संतोष बाफना ने कांग्रेस के श्यामू कश्यप को 16668 के वोटों के अंतर से हराया था। सामान्य सीट पर भाजपा के संतोष बाफना को कुल 64803 वोट मिले। वहीं कांग्रेस के श्यामू कश्यप को कुल वोट 48145 मिले।

2008 विधानसभा चुनाव, सामान्य सीट पर संतोष बाफना भाजपा, को कुल 55003 वोट मिले व कांग्रेस के रेखचंद जैन को कुल 37479 वोट मिले।

2003 विधानसभा चुनाव, एसटी सीट पर भाजपा से सुभाऊ कश्यप को कुल 60327 वोट मिले व कांग्रेस झिथरू राम बघेल को कुल 30038 वोट मिले।

आपको ज्ञात हो कि छत्तीसगढ़ में कुल 90 विधानसभा सीटें हैं। राज्य में अभी कुल 11 लोकसभा और 5 राज्यसभा की सीटें हैं। छत्तीसगढ़ में कुल 27 जिले हैं। राज्य में कुल 51 सीटें सामान्य, 10 सीटें एससी और 29 सीटें एसटी वर्ग के लिए आरक्षित हैं।

पिछले चुनाव के नतीजे…

2013 में विधानसभा चुनाव के नतीजे 8 दिसंबर को घोषित किए गए। इनमें भारतीय जनता पार्टी ने राज्य में लगातार तीसरी बार कांग्रेस को मात देकर सरकार बनाई थी। रमन सिंह की अगुवाई में बीजेपी को 2013 में कुल 49 विधानसभा सीटों पर जीत मिली थी। जबकि कांग्रेस सिर्फ 39 सीटें ही जीत पाई थी। जबकि 2 सीटें अन्य के नाम गई। 2008 के मुकाबले बीजेपी को तीन सीटें कम मिली थीं, इसके बावजूद उन्होंने पूर्ण बहुमत से अपनी सरकार बनाई।

आंकड़ों की माने तो इस बार का चुनाव काफी रोमांचक व उम्मीदवारों के लिए एक कठिन परीक्षा की तरह होगा, जिसका परिणाम उनके परिश्रम पर निर्भर करेगा। आगामी विधानसभा के लिए जहां आम आदमी पार्टी के रोहित सिंह आर्य व जनता कांग्रेस से अमित पाण्डेय को उम्मीदवार घोषित किया जा चुका है।

वहीं भाजपा व कांग्रेस के दावेदार को पार्टी ने पर्दे में रखा हुआ है। छ.ग. के इतिहास में इन दोनों पार्टियाँ मजबूती से उभर चुकी हैं। दोनों ने ही समय के खेल को समझा है कि राजनीति में समय के हिसाब से सूत्रों का बदलना स्वभाविक है। भाजपा से प्रमुख उम्मीदवारों के रूप में वर्तमान विधायक संतोष बाफना, राज्य युवा आयोग के सदस्य कमलचंद्र भंजदेव, वन विकास निगम अध्यक्ष श्रीनिवास राव मद्दी व प्रदेश मंत्री भाजपा किरण देव शामिल हैं। वहीं कांग्रेस के प्रमुख उम्मीदवारों में रेखचंद जैन, पूर्व जिलाध्यक्ष कांग्रेस मनोहर लुनिया, टी. रवि शामिल हैं। 15 वर्षों से सत्ता पर काबिज़ होने से जहां भाजपा के लिए चुनाव आसान हो सकता है, वहीं बाकी पार्टियों को जीत के लिए मसक्कत करनी पड़ सकती है।

दिनेश के.जी. (संपादक)

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