पी वी सिंधु भारत की प्रतीक हैं, प्रेरणा हैं और देश के लिए खेलने का सपना देखने वाले सभी भारतीयों के लिए आदर्श: अनुराग सिंह ठाकुर
मुख्य झलकियां :
- केंद्रीय मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण, श्री किरेन रिजिजू, श्री जी किशन रेड्डी और श्री निसिथ प्रमाणिक भी पी वी सिंधु को सम्मानित करने के लिए आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए।
- पीवी सिंधु ने कहा कि…मैं अपने माता-पिता को उनके निरंतर समर्थन और त्याग के लिए धन्यवाद देना चाहती हूं और मेरे साथ लगातार मेहनत करने और इस सपने को साकार करने के लिए मेरे कोच को धन्यवाद देती हूं।
नई दिल्ली। केंद्रीय युवा मामले और खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने टोक्यो ओलंपिक 2020 में चीन की ही बिंग जियाओ पर सीधे गेम में जीत के साथ कांस्य पदक जीतने और लगातार दो ओलंपिक पदक जीतने वाली भारत की शीर्ष बैडमिंटन खिलाड़ी पी वी सिंधु को आज स्वदेश लौटने पर सम्मानित किया। पी वी सिंधु दो ओलंपिक खेलों में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी हैं।
एक गर्मजोशी भरे समारोह में सिंधु और उनके कोच पार्क ताए सांग का अभिनंदन करने के लिए श्री ठाकुर के साथ केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण; केंद्रीय विधि और न्याय मंत्री श्री किरेन रिजिजू; केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास, संस्कृति और पर्यटन मंत्री श्री जी किशन रेड्डी और युवा कार्यक्रम और खेल राज्य मंत्री श्री निसिथ प्रमाणिक तथा खेल मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए। सिंधु के माता-पिता पी विजया और पीवी रमना कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए हैदराबाद से नई दिल्ली पहुंचे थे। इस कार्यक्रम में सांसद श्री श्याम बापू राव, श्री बंदी संजय कुमार, श्री अरविंद धर्मपुरी और श्री टी.जी. वेंकटेश भी उपस्थित थे।
इस अवसर पर बोलते हुए, श्री ठाकुर ने कहा, “पीवी सिंधु भारत की महानतम ओलंपियनों में से एक हैं। वह एक प्रतीक हैं, भारत के लिए एक प्रेरणा हैं और उन सभी भारतीय खिलाड़ियों के लिए एक आदर्श जो देश के लिए खेलना चाहते हैं। लगातार दो ओलंपिक खेलों में दो ओलंपिक पदक जीतने की उनकी यह असाधारण उपलब्धि अगली पीढ़ी के खिलाड़ियों को प्रेरित करेगी। उनकी सफलता से पता चलता है कि कैसे सरकार की लक्ष्य ओलंपिक पोडियम योजना ने हमारे ओलंपिक के संभावित खिलाड़ियों को पोडियम फिनिश की ओर अग्रसर किया है। टोक्यो ओलंपिक खेलों के लिए रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने सिंधु से बात की थी। वह उनकी जीत के तुरंत बाद उन्हें बधाई देने वाले सबसे पहले व्यक्ति भी थे। 130 करोड़ भारतीय उनकी अद्भुत प्रदर्शन से रोमांचित हैं”।
सिंधु ने सम्मानित होने पर खुशी जताते हुए कहा कि “मैं समर्थन के लिए अपने प्रत्येक प्रशंसक को धन्यवाद देना चाहती हूं। हालांकि स्टेडियम में प्रशंसकों की मौजूदगी नहीं थी लेकिन मुझे यकीन है कि देश से करोड़ों लोगों ने मुझे समर्थन दिया। मुझे जो सफलता मिली है, वह उन्हीं के आशीर्वाद का परिणाम है। उन्होंने कहा इस सपने को साकार करने के लिए मैं अपने माता-पिता को उनके निरंतर समर्थन और लगातार मेरा सहयोग करने के लिए अपने कोच को धन्यवाद देना चाहती हूं।“
इस अवसर पर अपने संबोधन में श्रीमती निर्मला सीतारमण ने कहा – ”सिंधु एक महान खिलाड़ी है। उन्होंने कई बार खुद को उस मुकाम पर साबित किया है। कड़ी मेहनत, गाचीबोवली में विश्व स्तरीय प्रशिक्षण सुविधाएं, महान कोच, परिवार के समर्थन के साथ-साथ सिंधु की दृढ़ता, समर्पण और कौशल ने इस सफलता में योगदान दिया।” उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा दिन है जब सभी भारतीय पूर्ण उनसे प्रेरणा प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने आगे कहा, “आने वाली पीढ़ियों के लिए वह प्रेरणा होंगी।”
कार्यक्रम में बोलते हुए श्री रिजिजू ने कहा, “मुझे पी वी सिंधु पर बहुत गर्व है कि उन्होंने अपना दूसरा ओलंपिक पदक जीता है और भारत को गौरवान्वित किया है। ओलंपिक में एक के बाद एक पदक जीतना असाधारण उपलब्धि है। वह वास्तव में एक सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी और भारत का गौरव हैं।”
इस अवसर पर बोलते हुए श्री रेड्डी ने कहा, “टोक्यो ओलंपिक खेलों में पी वी सिंधु का पोडियम फिनिश नई तरह की कहानी है – वह 2 ओलंपिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला हैं और लगातार 2 ओलंपिक खेलों में पदक जीतने वाली एकमात्र भारतीय हैं। उनकी इस सफलता के पीछे जीवन भर का परिश्रम, धैर्य और बलिदान छिपा है। कई वर्षों तक सुबह से देर रात तक का अभ्यास और है जो उनके जीवन में एक ‘नया दृष्टिकोण’ बन गया है। एक तेलुगु होने के नाते, हैदराबाद की इस युवती को यह उपलब्धि हासिल करते देख मेरा दिल गर्व से भर जाता है। सिंधु की जीत न केवल 65 लाख हैदराबादियों और 6.5 करोड़ तेलुगु लोगों को बल्कि भारत की महिलाओं और युवतियों को भी प्रेरित करेगी। इस असाधारण उपलब्धि के लिए उन्हें एक बार फिर बधाई।”
कार्यक्रम में अपने सम्बोधन में श्री प्रमाणिक ने कहा, “पीवी सिंधु को लगातार दूसरा ओलंपिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनकर इतिहास रचने के लिए बधाई। उनका समर्पण, सत्यनिष्ठा, विनम्रता और खेल भावना सभी को प्रेरित करती है। भारत को आप पर गर्व है।”
सरकार ने सिंधु को पिछले ओलंपिक चरण में लगभग 4 करोड़ रुपये का वित्त पोषण किया, जिसमें हैदराबाद में प्रशिक्षण शिविरों के अलावा 52 अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए की गई यात्राएं शामिल हैं। इसके अलावा, तेलंगाना सरकार के सहयोग से, भारत सरकार ने ओलंपिक खेलों से पहले गाचीबोवली स्टेडियम में उसके प्रशिक्षण की सुविधा प्रदान की।
24 जुलाई को 49 किलोग्राम वर्ग का रजत पदक जीतने वाली भारोत्तोलक मीराबाई चानू के बाद सिंधु टोक्यो ओलंपिक-2020 से पदक के साथ स्वदेश वापस लौटने वाली दूसरी भारतीय एथलीट हैं। भारतीय महिला मुक्केबाज़ लवलीना बोरगोहेन ने 69 किलोग्राम वर्ग के सेमीफाइनल में पहुंच कर अपना पदक पक्का कर लिया है। लवलीना बुधवार को सेमीफाइनल में तुर्की की बुसेनाज़ सुरमेनेली के खिलाफ मुकाबला खेलेंगी।