योजनाओं के क्रियान्वयन में कमी पाए जाने पर होगी त्वरित कार्यवाही – कलेक्टर बंसल

ग्रामीण विकास की होगी ब्लाॅक स्तरीय समीक्षा

जगदलपुर। ग्रामीण क्षेत्रों में विकास कार्यों की समीक्षा अब ब्लॉक मुख्यालयों में की जाएगी। योजनाओं के क्रियान्वयन में किसी भी प्रकार की कमी पाए जाने पर त्वरित कड़ी कार्यवाही की जाएगी। कलेक्टर श्री रजत बंसल ने यह बातें पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की समीक्षा के दौरान कही। कलेक्टोरेट के प्रेरणा कक्ष में आयोजित समीक्षा बैठक में जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी ऋचा प्रकाश चौधरी, वन मंडलाधिकारी स्टायलो मंडावी सहित सभी जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, कृषि, उद्यानिकी, सहकारिता, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, मनरेगा, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के जिला एवं विकासखण्ड स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।

समीक्षा के दौरान कलेक्टर ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा ग्रामीण विकास के कार्यों को प्राथमिकता दी जा रही है, जिनमें, नरवा गरुआ, घुरवा एवं बाड़ी प्रमुख हैं। उन्होंने इन योजनाओं को बेहतर ढंग से धरातल में क्रियान्वयन के निर्देश दिए। उन्होंने इसके साथ ही देवगुड़ियों के निर्माण में भी तेजी लाने के निर्देश देते हुए कहा कि इनका निर्माण समाज की मंशा के अनुसार किया जाए। उन्होंने बस्तर में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए होम स्टे योजना के शुभारंभ के लिए भी स्वीकृत कार्यों को तेजी से पूर्ण करने के निर्देश दिए।

इस दौरान जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी सुश्री चौधरी ने नरवा, गरुआ, घुरवा एवं बाड़ी कार्यक्रम की विस्तृत समीक्षा की। उन्होंने दूसरे चरण में स्वीकृत गौठानों में कार्यों को अविलंब पूर्ण करने के निर्देश देते हुए गौठानों के आसपास चारागाह विकास का कार्य तेजी से पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पशुधन विकास विभाग को 80 हजार नेपियर प्राप्त हुए हैं। इन्हें 20 अगस्त के पूर्व चारागाह के आसपास लगाने और इनकी सुरक्षा की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने गौठानों में पानी की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। इसके लिए जल स्रोत के रूप में नलकूप के साथ ही कुओं और तालाबों के उपयोग के लिए निर्देशित किया। उन्होंने सफल नलकूपों में सोलर पंपों की स्थापना के कार्य में विलंब के साथ ही बैठक में संपूर्ण जानकारी के साथ नहीं आने पर क्रेडा के अधिकारी पर नाराजगी भी जाहिर की। बस्तर विकासखण्ड में पशुओं के लिए शेड, कोटना और चारागाह के निर्माण की धीमी गति पर भी उन्होंने नाराजगी जाहिर की।

उन्होंने गौठानों में स्वीकृत कार्यों की बेहतर तरीके से निगरानी के लिए जिला स्तर पर मनरेगा के अधिकारी को निर्देशित किया। उन्होंने गोबर खरीदी की भी विस्तृत समीक्षा की। समीक्षा के दौरान बताया गया कि जिले में अब तक 83 हजार क्विंटल गोबर की खरीदी हो चुकी है। पिछले माह 6 हजार गोबर की खरीदी की गई। वहीं इस माह 191 समितियां गोबर खरीदी के कार्य में सक्रिय हैं। गोबर खरीदी का कार्य बकावंड एवं जगदलपुर में बेहतर पाया गया। मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना के बेहतर क्रियान्वयन पर भी बैठक में चर्चा की गई। इसके साथ ही कठा लगाऊं बूटा कार्यक्रम के तहत रोपित पौधों की सुरक्षा के संबंध में निर्देशित किया गया। जल जीवन मिशन के तहत सभी स्कूल, आंगनबाड़ी, आश्रम-छात्रावास, स्वास्थ्य केन्द्र में नल से पानी पहुंचाने के लिए पंद्रहवें वित्त की राशि के उपयोग के संबंध में भी निर्देशित किया गया।

दिनेश के.जी. (संपादक)

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