सुकमा। जिले में पुलिस महानिरीक्षक विवेकानंद सिन्हा, उपपुलिस महानिरीक्षक रतन लाल डांगी, पुलिस अधीक्षक अभिषेक मीना, अतरिक्त पुलिस अधीक्षक शलभ सिन्हा के मार्गदर्शन में चलाये जा रहे नक्सल विरोधी तेदमुंता बस्तर अभियान के तहत जिला पुलिस बल सुकमा एवं CRPF 74 बटालियन के संयुक्त प्रयास से ऑपरेशन उजाला के तहत पालामड़गु जैसे अति नक्सल प्रभावित ग्राम में फ़ोर्स द्वारा लगातार दो दिनों तक मुस्तैद रहकर सौर ऊर्जा के माध्यम से 125 घरों में बिजली पहुँचाई गई।
उक्त ऑपरेशन सुकमा पुलिस अधीक्षक अभिषेक मीना के विशेष पहल से संभव हो सका। इस पूरे ऑपरेशन का नेतृत्व सुकमा अतिरक्त पुलिस अधीक्षक शलभ सिन्हा कर रहे थे। जिनके साथ SDOP दोरनापाल विवेक शुक्ला एवं CRPF 74 बटालियन के DC मोहन, AC शिरीष रॉय, AC अभिषेक मिश्रा, पोलमपल्ली SHO रितेश यादव एवं DRG तथा थाना बल उपस्थित रहा।
बता दें कि पालामड़गु में बिजली पहुँचना आसान नहीं था, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि यह नक्सल दृष्टि से अतिसवेंदनशील गांव है, जहाँ नक्सलियों के कंपनी या प्लाटून की आवाजाही लगभग बनी रहती है। यह वह गाँव है जहाँ नक्सलियों का आंतक साफ दिखता है। इस गाँव के लगभग 16 ग्रामीणों की हत्या नक्सलियों द्वारा पुलिस मुखबिर का झूठा आरोप लगाकर अलग अलग समय में की जा चुकी है। ऐसे में यह साफ है कि यह जवानों का हौसला एवं समर्पण ही था कि वो पालामड़गु के प्रत्येक घर को रोशनी से जगमगा पाए। गाँव को रोशन करने हेतु पूरी फ़ोर्स 2 दिन तक वहाँ बनी रही, और गाँव के तीनों पारा बड़े पारा, रामा पारा एवं सुरपन पारा जो 5 किमी की परिधि में फैले है, के 125 घरों में रोशनी लाने में सफल हो पाई।
ऐसा नहीं है कि इस ग्राम में बिजली पहली बार आयी है, इससे पहले भी यहां बजली थी पर नक्सलियों ने 2005- 06 में इस गांव के बिजली खम्बे तोड़ दिए और पूरे गांव को अंधेरे में रहने को विवश कर दिया। आज जब यहाँ उजाला हुआ तो ग्रामीणों के चेहरे में यह खुशी साफ झलक रही थी। साथ ही नक्सलियों के प्रति गुस्सा भी साफ प्रकट हो रहा था। पालामड़गु में कैम्प के दौरान हमारे द्वारा अरणमपल्ली, कुमापरा एवं पालामड़गु के पूरे ग्रामीणों की बैठक रामापारा में ली गयी, एवं उन्हें माओवाद के खिलाफ एकजुट किया गया। इन्हें छत्तीसगढ़ में माओवादियों का इतिहास बताया गया, कैसे माओवादी यहाँ आये और अपनी झूठी बातों में आपको फ़साकर आपको अपना गुलाम बना लिया।
एएसपी शलभ सिन्हा द्वारा बताया गया कि शिक्षा एवं एकता के द्वारा हम नक्सलवाद को खत्म कर सकते हैं। आने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर बैठक में उपस्थित ग्रामीणों को स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव हेतु तथा लोकतंत्र में सबकी भागीदारी हेतु सभी ग्रामीणों को अपने मताधिकार का प्रयोग करने हेतु प्रेरित किया गया। क्योंकि नक्सलियों द्वारा हमेशा ग्रामीणों को लोकतांत्रिक प्रक्रिया का बहिष्कार करने हेतु कहा जाता है, ऐसे में इस बैठक के माध्यम से सशक्त लोकतंत्र हेतु सबको अपने मताधिकार के प्रयोग हेतु जागरूक किया गया। अस्वस्थ ग्रामीणों के इलाज हेतु 74 बटालियन के डॉ संदीप द्वारा मेडिकल कैम्प के माध्यम से ग्रामीणों की चिकित्सा दी गई। बैठक के अंत मे पुलिस फ़ोर्स एवं ग्रामीणों द्वारा एक साथ बैठकर भोजन भी ग्रहण किया गया।
सुकमा पुलिस एवं CRPF के संयुक्त प्रयास के द्वारा इस अति नक्सल प्रभावित गाँव के ग्रामीणों की आधारभूत आवश्यकता को पूरा करने के लिए की गई यह रचनात्मक कोशिश से निश्चित ही ग्रामीणों का पुलिस के प्रति विश्वास बढ़ा है, ऐसी पहल भविष्य में नक्सलवाद को खत्म करने में कारगर सिद्ध होगी।
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