बस्तर के पत्रकारों की समस्याओं पर हुआ गहन मंथन, वरिष्ठ पत्रकारों का उत्कृष्ठ, सकारात्मक पत्रकारिता के लिए किया गया सम्मान, पत्रकारों हेतु जमीन और पत्रकार सुरक्षा कानून तत्काल लागू किया जाए – अवस्थी

जगदलपुर। छग श्रमजीवी पत्रकार संघ के प्रदेशाध्यक्ष अरविंद अवस्थी ने यहां कहा कि संघ का यह सर्वाेच्च प्रयास है कि भूमिहीन पत्रकारों को आवास हेतु जमीन मिले और तहसील स्तर पर पत्रकारों को अधिमान्यता प्रदान की जाए, साथ ही अतिशीघ्र प्रदेश में पत्रकार सुरक्षा कानून लागू किया जाए।
बस्तर के पत्रकारों की समस्या एवं निदान विषय पर चिंतन हेतु छग श्रमजीवी पत्रकार संघ बस्तर संभाग द्वारा आयोजित सम्मेलन में बस्तर संभाग के सौ से अधिक पत्रकारों को संबोधित करते हुए श्री अवस्थी ने कहा कि पत्रकारों की समस्याओं के निराकरण की दिशा में संघ अग्रणी रहा है। उन्होंने कहा कि यह संघ का ही प्रयास है कि प्रदेश में पत्रकारों के लिए बीमा एवं पेंशन योजना लागू की गयी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार निरंतर पत्रकारों का सहयोग कर रही है और भविष्य में मुख्यमंत्री से ऐसे ही सहयोग की आशा है।
इस अवसर पर उत्कृष्ठ, सकारात्मक पत्रकारिता, बस्तर विकास में अतुलनीय योगदान एवं बस्तर पत्रकारिता को नया आयाम देेने वाले चार वरिष्ठ पत्रकारों पत्रिका के स्थानीय संपादक विरेन्द्र मिश्र, हरिभूमि के ब्यूरो प्रमुख सुरेश रावल, दैनिक भास्कर के ब्यूरो प्रमुख सत्यनारायण पाठक एवं नई दुनिया के ब्यूरो प्रमुख संतोष सिंह को स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर प्रदेश अध्यक्ष अरविंद अवस्थी के चौथी बार निर्विरोध अध्यक्ष निर्वाचन पर अरविंद अवस्थी सहित प्रदेश उपाध्यक्ष एनआरके पिल्ले एवं अमित गौतम को स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया गया।
पत्रकारों की समस्याओं पर अपने विचार व्यक्त करते हुृए वरिष्ठ पत्रकार एवं बस्तर जिला पत्रकार संघ के पूर्व अध्यक्ष उमा शंकर शुक्ला ने कहा कि पत्रकारों की गिरफ्तारी छानबीन के बाद ही होनी चाहिए। पत्रकारों की इलाज के लिए पांच लाख रूपए की सहायता प्राप्त हो ऐसी व्यवस्था की जानी चाहिए।
बस्तर जिला पत्रकार संघ के अध्यक्ष एस करीमुद्दीन ने बस्तर के ग्रामीण अंचल के पत्रकारों की समस्या के समाधान के लिए उनके साथ बैठकर समस्याओं से अवगत होने की बात कही तथा ग्रामीण पत्रकारों के विकास में महत्वपूर्ण योगदान को रेखांकित किया।
हरिभूमि के ब्यूरो प्रमुख सुरेश रावल ने पत्रकार हित के लिए संघ संगठन से ऊपर उठकर पत्रकारिता के लिए कार्य करने की बात कही। उन्होंने कहा कि ग्रामीण पत्रकारों को लोग हाकर समझते हंै, इस मानसिकता को बदलने की आवश्यकता है। पत्रकारों की मौत हो जाने पर मंत्री विधायक के चक्कर लगाना पड़ता है। किसी भी पत्रकार की मौत होने पर उसके परिवार को दस लाख रूपए की मदद मिलनी चाहिए, जिसमें से तत्काल पांच लाख रूपए मिले।
नई दुनिया के ब्यूरो प्रमुख संतोष सिंह ने प्रदेश अध्यक्ष अरविंद अवस्थी को उनके पास पत्रकारों का सशक्त नेतृृत्व होने की बात कहते हुए कहा कि बस्तर के पत्रकारों के लिए शासन स्तर पर अनेक आश्वासन दिये जा चुके हैं तथा अनेक योजनाएं कागजों में है, जिसे अमली जामा पहनाया जाए। उन्होंने आश्वासन को छोडक़र छग में आचार संहिता लगने से पहले ठोस योजना पर अमल करने की आवश्यकता पर बल दिया।
वरिष्ठ पत्रकार शंकर तिवारी ने अपने अनुभव सांझा करते हुए पत्रकारों के लिए जमीन के प्रयास के संबंध में हुई परेशानियों से अवगत कराया।
वरिष्ठ पत्रकार विनय पाठक ने बस्तर में पत्रकारिता को जोखिम भरा कदम निरुपित करते हुए कहा कि प्रदेश में अतिशीघ्र पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने की आवश्यकता है। उन्होंने बस्तर के पत्रकारों के लिए आवास हेतु न्यूनतम दर पर भूमि उपलब्ध करवाने की मांग को दोहराया।
संभागीय अध्यक्ष सुधीर जैन ने स्वागत उद्बोधन के साथ बस्तर के पत्रकारों की समस्याओं को रेखांकित करते हुए पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करना, दुर्घटना में मौत होने पर आर्थिक सहयोग व परिवार के एक सदस्य को नौकरी की व्यवस्था तथा पत्रकारों के इलाज के लिए शासन की योजनाओं के साथ जोडऩे की बात करते हुए पत्रकारों को एकजुटता के साथ आगे बढऩे की बात कही है।
पत्रकार सम्मेलन का संचालन संभागीय कोषाध्यक्ष नरेन्द्र पाणिग्राही ने किया तथा आभार संभागीय महासचिव राकेश पाण्डे ने किया। सम्मेलन की व्यवस्था में बस्तर जिला अध्यक्ष अब्दुल वाहब खान एवं महासचिव निजाम रहमान के साथ जिला की पूरी टीम ने कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए अपना योगदान प्रदान किया।