जगदलपुर। शहर में उत्पात मचाने वाले बाइकर्स पर यातायात पुलिस इन दिनों सख़्ती से कार्रवाई में जुट गयी है। बुलेट बाइक के साइलेंसर के जरिए पटाखों जैसी तेज आवाज निकालने और वाहनों के आगे-पीछे लगने वाली नम्बर प्लेट परिवहन विभाग द्वारा निर्धारित मानदंडों के अनुरूप नहीं लगाने वाले चालकों के खिलाफ अब यातायात पुलिस ने सख्त रूख अपनाते हुए सराहनीय पहल की है। ट्रैफिक पुलिस मॉडिफाइड साइलेंसर लगाकर शहर में घूम-घूम कर उत्पात मचाने वालों पर कार्रवाई शुरू की है, जहां चालकों पर लगने वाली चलानी कार्रवाई के अलावा उनकी मोटरसाइकिल जप्त की जा रही है। इस बीच मोटरसाइकिल को छुड़वाने पहुंचे चालकों को यातायात पुलिस द्वारा थाने में ही मॉडिफाइड साइलेंसर को बदलकर कंपनी की ओरिजिनल साइलेंसर लगवाने के बाद मोटरसाइकिल की चाबियां वापस दी जा रही हैं। इस कार्रवाई के दौरान चालक द्वारा स्वयं ही मैकेनिक का प्रबंध कर साइलेंसर बदलवाया जा रहा है। साथ ही पुराने मॉडिफाइड साइलेंसर को जप्त करने की कार्रवाई ट्रैफिक पुलिस कर रही है।
ट्रैफिक टीआई ‘कौशलेेश देवांगन’ ने बताया कि शहर में बुलेट बाइक के साइलेंसर के माध्यम से हल्ला मचाने और पटाखों की आवाज निकालने की लगातार शिकायतें प्राप्त हो रही है, जो कि मोटर व्हीकल एक्ट का उल्लंघन है। जिस पर नकेल कसने की तैयारी बस्तर पुलिस द्वारा की जा रही है। ट्रैफिक टीआई ने बताया कि बीते दो दिनों में मॉडिफाइड साइलेंसर और ब्लैक फिल्म लगे वाहनों पर लगभग 43 मामलों में कार्रवाई की गई है। उक्त कार्रवाई के दौरान पहले दिन 32 मामले में 28400 रूपये और आज 11 मामलों में 11000 रूपये कुल 39400 रूपये की चालानी कार्रवाई दो दिनों में की गई है। साथ ही मॉडिफाई साइलेंसरों को भी जप्त किया जा रहा है।
गौरतलब है कि बुलेट बाइक के साइलेंसर के जरिए उत्पात मचाने और पटाखों की आवाज निकालने वालों की वजह से आम लोगों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। वहीं ध्यान भटकने के कारण दुर्घटना होने की आशंका भी बनी रहती है। इधर यातायात पुलिस ने अपील की है कि पावर बाइक, बुलेट इत्यादि मोटर साइकिल के साइलेंसर को मॉडिफाई कर तेज आवाज निकालने वाले साइलेन्सर, कार में ब्लैक फिल्म और सायरन भी न लगायें। साथ ही वाहनों के आगे-पीछे लगने वाली नम्बर प्लेट परिवहन विभाग द्वारा निर्धारित मानदंडों के अनुरूप ही लगायें, डिजाइनदार छोटे-बड़े आकार की नम्बर प्लेट्स नहीं लगाएं, जिससे कि आगामी दिनों में होने वाली चालानी कार्रवाई से बचा जा सके।