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नक्सलियों के प्रवक्ता ‘विकल्प’ ने दिया सरकार को सशर्त बातचीत का विकल्प, पर्चा जारी कर सरकार से समझौते के लिए रखी ये बड़ी शर्तें..

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जगदलपुर। सरकार के लगातार बातचीत कर रास्ता निकालने के बयान पर नक्सलियों का जवाब आया है। नक्सलियों की दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी(डीकेएसजेडसी) के प्रवक्ता विकल्प के जरिए बयान जारी कर कहा है कि केंद्र सरकार पूर्वोत्तर के राज्यों में हथियारबंद संगठनों से बातचीत कर समझौता करती है। वह भी छह हथियारबंद संगठन। तो छग सरकार हर बार हथियार छोड़कर बातचीत करने की बात क्यों कह रहे हैं। उन्हीं के तर्ज पर बातचीत क्यों नहीं हो सकती।

गौरतलब है कि पिछले महीने भूपेश बघेल खुद कह चुके हैं कि नक्सली यदि हथियार छोड़ दें तो बातचीत के जरिए शांति का रास्ता निकाला जा सकता है। वहीं केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने गुरुवार को बीजापुर दौरे के दौरान भी बातचीत के जरिए नक्सल समाधान की बात कही थी। इन लगातार बयानों के बाद नक्सलियों ने भी अपना पक्ष रखकर वार्ता के लिए शर्तें रखी हैं।

नक्सलियों ने अपने दो पन्ने के इस बयान में कहा है कि एक तरफ सरकारें शांतिवार्ता की बात कह रहीं हैं वहीं दूसरी तरफ हवाई हमले कर रहे हैं। उन्होंने सरकार से कहा कि उन्होंने किस संवैधानिक अधिकार के तहत यह हवाई हमले करवाए। यदि नहीं करवाएं तो इसकी जांच करवाएं और पता लगाए कि किस देश की सेना ने यह करवाया। उन्होंने कैंप खोलने, सर्चिंग अभियान करने जैसे विषयों का विरोध किया और फर्जी मुठभेड़ का आरोप लगाया है।

अपने पत्र के अंतिम पैराग्राफ में उन्होंने इस समझौते के लिए अपनी शर्तें रखी हैं। इसमें उन्होंने कहा कि वे इसके लिए हमेशा तैयार है। सरकार को चाहिए कि वह अनुकूल वातावरण तैयार करे, पीएलजीए, माओवादी पार्टी व जन संगठनों पर लगाए गए प्रतिबंध हटाए, हवाई बमबारी बंद हो, कैंपों को हटाया जाए, जेलों में बंद नक्सली नेताओं को वार्ता के लिए रिहा किया जाए।

देखें नक्सलियों द्वारा जारी पर्चा..

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