जगदलपुर। भारत सरकार के गृह विभाग की अतिरिक्त सचिव बी. वी. उमादेवी ने आज जिले में जल संचयन के लिए किए जा रहे कार्यों का अवलोकन किया। इस दौरान कलेक्टर चंदन कुमार, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी रोहित व्यास, नगर निगम आयुक्त दिनेश नाग उपस्थित थे।
उन्होंने जगदलपुर शहर के नागरिकों द्वारा उपयोग किए गए जल के शोधन के लिए बालीकोंटा में स्थापित सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के साथ ही तोकापाल विकासखण्ड के एरपुण्ड और घाट धनोरा में निर्माणाधीन अमृत सरोवर योजनांर्तगत निर्मित सरोवर, एरपुण्ड में निर्मित अर्दन डेम और मावलीभाटा में निर्मित चेक डेम का अवलोकन किया।
सुश्री उमादेेवी ने सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की रुपरेखा, प्रक्रिया, तकनीक एवं क्षमता के संबंध में जानकारी ली। अधिकारियों ने बताया कि 25 एमएलडी क्षमता का यह सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट प्रदेश में सर्वप्रथम संचालित संयंत्र है। यह सीक्वेंसिंग बैच रिएक्टर प्रक्रिया पर कार्य करता है। इस तकनीक में शहर के गंदे पानी में से कचरे को अलग कर एसबीआर टैंक में डाला जाता है। इसमें 90 मिनट फिलिंग एवं एरियेशन में, उसके पश्चात 45 मिनट सेटलिंग और फिर 45 मिनट डिकेटिंग में लगते हैं। उसके पश्चात् इसमें क्लोरीन की डोजिंग की जाती है। सुश्री उमादेवी ने बस्तर में प्रदेश के सबसे पहले सीवरेज ट्रीटमेंट के संचालन पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए इस जल के पुनः उपयोग के संबंध में जोर दिया। अधिकारियों ने बताया कि इस जल के पुनः उपयोग हेतु कार्ययोजना तैयार की जा रही है तथा शीघ्र ही इसका क्रियान्वयन किया जाएगा।
सुश्री उमादेवी ने एरपुण्ड तथा घाट धनोरा में अमृत सरोवर योजना के तहत निर्माणाधीन सरोवरों का अवलोकन करते हुए आसपास के किसानों से भी बातचीत की और तालाबों की मेड़ों पर पौधे लगाने की अपील की, जिससे यहां हरियाली और सुंदरता बनी रहे। किसानों ने सरोवर निर्माण पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए शासन प्रशासन के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इससे उनके खेतों के लिए सिंचाई की सुविधा के साथ-साथ मछलीपालन और मवेशियों के लिए भी पानी की सुविधा होगी। एरपुण्ड ग्राम से गुजरने वाली मटकोट नहर परियोजना की मरम्मत के लिए प्रेषित प्रस्ताव के संबंध में भी अधिकारियों ने जानकारी दी। एरपुण्ड के सरपंच रामधर कश्यप ने बताया कि यहां तालाब के निर्माण से आसपास के किसानों को खेती-किसानी की सुविधा होगी। किसान दो फसल भी आसानी से ले सकेंगे। मावलीभाटा में 13 लाख 20 हजार रुपए की लागत से निर्मित चेकडेम से 25 किसानों के लगभग 95 एकड़ खेत में सिंचाई की सुविधा मिलने की जानकारी किसानों द्वारा दी गई। इस चेकडेम के उपर कुछ दूरी पर किसान रामु द्वारा 20 गुणित 20 वर्ग मीटर क्षेत्रफल के तालाब निर्माण करने के साथ ही मछली पालन किए जाने के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि इससे उन्हें लगभग 30 हजार रुपए की आमदनी हुई है। यहां के किसान सोमारु द्वारा अपने खेत में भी तालाब खुदवाने की इच्छा जाहिर की गई, जिस पर त्वरित अमल के निर्देश अधिकारियों को दिए गए। इस दौरान जल संसाधन, वन तथा कृषि विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।