जगदलपुर। विश्व बाघ दिवस के अवसर पर शुक्रवार 29 जुलाई को कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान द्वारा कोटमसर में संगोष्ठी का आयोजन किया गया। निदेशक धम्मशील गणवीर के नेतृत्व में बस्तर क्षेत्र में बाघ रहवास की कमी और वन्य-प्राणियों के साथ सह अस्तित्व पर चर्चा की गई। इस संगोष्ठी में पारिस्थितिकी तंत्र में बाघ व शाकाहारी जीवों के महत्व, विलुप्त होते वनस्पति, आवर्ती चराई, अवैध जंगल कटाई जैसे विषयों पर भी चर्चा की गई।
राष्ट्रीय उद्यान से लगे ग्रामों के युवा, ग्रामीण, स्कूली छात्रों के साथ मैना मित्र व मगरमच्छ संरक्षक भी इस संगोष्ठी में सम्मिलित हुए। स्कूली विद्यार्थी के साथ ग्रामीण भी इस संगोष्ठी भी शामिल हुए। इसमें वन्य प्राणियों के साथ मानव के सह-अस्तित्व पर भी विचार-विमर्श किया गया।