जगदलपुर। बाढ़ आपदा के दौरान लोगों के बहुमूल्य जीवन को बचाने के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल और राज्य आपदा मोचन बल के जवानों द्वारा दलपत सागर में संयुक्त रूप से अभ्यास किया गया। इस दौरान बाढ़ में फंसे लोगों को निकालने, नाव पलटने की घटना में लोगों को बचाने, कामचलाउ तौर पर घरेलू अनुपयोगी सामग्री से तैयार तैराकी उपकरण से लेकर आधुनिक रिमोट संचालित लाइफबॉय एवं गोताखोरी के माध्यम से लोगों के जीवन को बचाने के का अभ्यास किया गया। इसके साथ ही लोगों को प्राथमिक उपचार एवं सीपीआर देने की सही विधि भी बताई गई।
यहां इस दौरान अंडर वाटर कैमरा, डिप डाइविंग सूट, एलिकेन टावर लाइट, आस्का लाइट, लाइफ जैकेट, पेट्रोल चेन सॉ, वॉल पुल्डर, बोल्ट कटर, लाइन रोप, ट्यूब, हैवी कटर, हाइड्रोलिक स्प्राइडर कटर आदि आधुनिक उपकरणों से लेकर प्लास्टिक की खाली बोतल, सीखा नारियल, टिन या प्लास्टिक के डब्बों से तैयार तैराकी उपकरणों का जीवन बचाने के लिए उपयोग की विधि बताई गई। इस मॉक ड्रिल में एनडीआरएफ के 30 और एसडीआरएफ के 20 जवान शामिल हुए। मॉक ड्रिल को बस्तर फाइटर्स के साथ ही स्कूली बच्चों ने भी देखा और जीवन रक्षण की विधि सीखी।
इस दौरान उपस्थित अपर कलेक्टर हरेश मंडावी ने कहा कि इस मॉक ड्रिल के माध्यम से हमें अपने उपकरणों को परखने का अवसर प्राप्त होता है। प्रशिक्षण से कई नई बातें जानने को भी मिलती है। इस अवसर पर नगर निगम आयुक्त दिनेश नाग, संयुक्त कलेक्टर आस्था राजपूत, अनुविभागीय अधिकारी नंदकुमार चौबे, एनडीआरएफ के टीम कमांडर एसके त्रिपाठी, टीम टू आईसी पंकज खुलबे, डीके सिंह, नगर सेनानी एसके मार्बल, तहसीलदार पुष्पराज पात्र, रेडक्रॉस सोसायटी बस्तर जिला के सचिव एलेक्जेंडर चेरियन, सहित राजस्व विभाग, नगर सेना, नगर निगम, स्वास्थ्य विभाग, रेडक्रॉस सोसायटी के अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे।