दंतेवाड़ा। अनुसूचित जनजाति मोर्चा प्रदेश महामंत्री नंदलाल मुड़ामी ने कांग्रेस सरकार और स्थानीय विधायक को घेरते हुए कहा है कि जबसे छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार आई है विकास रुक गया है।
दंतेवाड़ा जिला जो पूर्व में डॉक्टर रमन सिंह की शासन में अपनी एक अलग पहचान देश कायम की थी, जिस जिले में राष्ट्रपति प्रधानमंत्री बड़े-बड़े केंद्रीय मंत्री देश के प्रतिष्ठित विख्यात हस्तियों का आना जाना होता था, आज उस दंतेवाड़ा को, उस दंतेवाड़ा की पहचान को कांग्रेस की सरकार स्थानीय विधायक की नाकामी ने धूमिल एवं एक पिछड़ा जिला बनाकर 15 साल की मेहनत पर पानी फेरने का कार्य किया है।
दंतेवाड़ा से बचेली किरंदुल मार्ग बहुत बुरा हाल है सड़क गड्ढों में या गड्ढे सड़क में कुछ समझ नहीं आता है इस सड़क पर कई दुर्घटना है हो चुकी है कई व्यक्तियों को अपनी जान गंवाना पड़ा है। गर्मी के कुछ घंटों के बारिश से सड़क कई घंटों तक बंद रहता है। मानसून आने वाला है और दंतेवाड़ा के गांव गांव के सड़कों का बुरा हाल है।भाजपा के शासनकाल में चमचमाते फराटे दार सड़कों का निर्माण हुआ था। कुछ ही मिनटों में किरंदुल से दंतेवाड़ा सहित अंदुरूनी गांव के लोग आसानी से सफर कर जिला मुख्यालय पहुंचा करते थे।
आज किरंदुल दंतेवाड़ा मार्ग सहित अन्य गांव के कई घंटों उबड़ खाबड़ रास्तों से गुजर कर पहुंचना पड़ता है।
इसका सुध लेने के लिए कांग्रेस के स्थानीय विधायक के पास समय नहीं है। ना ही भाजपा शासनकाल में बने सड़कों के मरम्मत के लिए कांग्रेस सरकार के पास पैसे है। मानसून से पूर्व अगर सड़कों को दुरुस्त नहीं किया गया तो आंदोलन के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
पेयजल की समस्या से दंतेवाड़ा के ग्रामीण जूझ रहे हैं कई जगह ग्रामीण चुआ का पानी पीने को मजबूर हैं चंदेनार कोटवारपारा की स्थिति विधायक को जाकर देखनी चाहिए। एक हैंडपंप के लिए तरस रहे।
सरकार बनने से पूर्व अनियमित कर्मचारियों को 10 दिन के अंदर नियमित करने का वादा किया गया था पर आज पर्यंत तक अनियमित कर्मचारी नियमितकरन नही किया गया।
पटवारी संघ विगत कई महीनों से अपने विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलनरत है ग्रामीणों को पटवारियों के हड़ताल में रहने की वजह से बहुत सारे दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
सभी अनियमित और नियमित कर्मचारियों के जायज मांगों को लेकर
साडे 4 वर्षों में सिर्फ भेदभाव और उनका राजनीतिकरण करने का कार्य ही हुआ है।
मगर उनकी मूलभूत समस्याओं को कभी भी यहां की स्थानीय विधायक ने मुख्यमंत्री से मिलकर समाधान कराने पहल नहीं की है
आज यहां के कर्मचारी भी अपने आप को इस सरकार और विधायक से ठगा महसूस कर रहे हैं।
एक ऐसा दंतेवाड़ा जिसका नवाचार पूरे देश में उदाहरण बनता था और यहां से प्रेरणा लेकर अन्य जिले कार्य किया करते थे।
आज वह जिला इन साडे 4 वर्षों में विकास के पैमानों में बहुत पीछे छूट चुका है