उड़ान योजना को एक्सटेंशन दिये जाने की मांग को लेकर पूर्व  विधायक ‘संतोष बाफना’ ने लिखा केन्द्रीय मंत्री को पत्र

जगदलपुर। भाजपा नेता एवं पूर्व विधायक संतोष बाफना ने पहल करते हुए केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को पत्र लिख जगदलपुर से उड़ान योजना को एक्सटेंशन दिये जाने की मांग की।
पूर्व विधायक बाफना ने केन्द्रीय मंत्री सिंधिया को पत्र लिखकर बताया है कि, नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा क्षेत्रीय कनेक्टिविटी योजना (आरसीएस) के तहत् बस्तर आदिवासी अंचल को प्रदेश की राजधानी रायपुर एवं हैदराबाद के लिए हवाई सेवा की सौगात मिली है। जिससे बस्तर के आम आदमी को इन दोनों मार्गों पर किफायती, आर्थिक रूप से व्यवहार्य और लाभदायक हवाई सेवा की सुविधा प्राप्त हो रही है। परंतु हाल ही में समाचार पत्रों में छपि खबरों से ज्ञात हुआ है कि, बस्तर (जगदलपुर) से संचालित होने वाली हवाई सेवा के लिए एलायंस एयर के साथ हुआ अनुबंध एक निश्चित समयवाधी के लिये था और आगामी 21 सितम्बर 2023 के पश्चात् इस योजना के तहत् चयनित एयरलाइंस को वित्तीय प्रोत्साहन एवं क्षेत्रवासियों को हवाई किराये में मिलने वाली किफायती रियायत भी समाप्त हो जाएगी। और केवल कमर्शियल रूप से ही हवाई सेवा का संचालन किया जायेगा।

भारत सरकार की उड़ान योजना दूरस्थ एवं अन्य सुविधाओं से वंचित बस्तर जैसे आदिवासी अंचल के लिए एक नई सुबह की शुरूआत है। इस योजना की शुरूआत वर्ष 2016 में की गई थी और इसे 10 वर्षों तक जारी रखकर दूर दराज के लोगों को किफायती कीमत पर हवाई सफर कराना, उनका समय बचाने के साथ में कनेक्टिविटी बढ़ाते हुए स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने का उद्देश्य था। परंतु अब यह योजना बंद करने होने की कगार पर पहुॅच गई है। और अब इस योजना के तहत् क्षेत्रवासियों को मिलने वाले लाभ पर विराम लगाने की खबरें चल रही है, जो कि अत्यन्त ही दुखद् है।

बस्तर के संबंध में कुछ महत्वपूर्ण बिन्दु बाफना ने केन्द्रीय मंत्री के समक्ष रखे हैं। जिसमें उन्होंने कहा है कि,
1. वर्तमान में बस्तर में आवागमन की न्यूनतम सुविधाएं हैं। सड़क के अलावा वायु सेवा से ही इस क्षेत्र में आवागमन बढ़ा है।

2. उड़ान योजना 30 प्रतिशत स्थानों पर ही सफल रही है, हैदराबाद-जगदलपुर-रायपुर उसमें से एक है।

3. वायु सेवा से बस्तर के पर्यटन व आतिथ्य सेवा से देश-विदेश के लोग इस अंचल से जुड़ रहे हैं जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिल रहा है। साथ ही वायु सेवा से पर्यटन मानचित्र में बस्तर स्थापित हो रहा है।

4. रायपुर, छत्तीसगढ़ प्रदेश की राजधानी है तो हैदराबाद अंतर्राष्ट्रीय वायु सेवा केन्द्र है।

5. विद्यार्थियों एवं मरीजों के लिए अत्यन्त ही सुविधाजनक वायु सेवा है।

6. बस्तर (जगदलपुर) के समीप लगभग 25 हजार करोड़ की लागत से भारत का सबसे बड़ा एनएमडीसी का इस्पात संयंत्र स्थापित है जिसमें लगभग 20 वर्षों के बाद उत्पादन भी प्रारंभ हो चुका है। तथा इस इस्पात संयंत्र के उद्घाटन की औपचारिकता ही शेष रह गई है। और नगरनार इस्पात संयंत्र का उद्घाटन देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के करकमलों से आगामी दिनों में होना है। भारत के सबसे बड़े नगरनार इस्पात संयंत्र के मद्देनजर सुविधा और बढ़ानी चाहिए, न कि कम करना चाहिए।

7. क्षेत्र में व्यापार, उद्योग को बढ़ावा देने के लिए नियमित वायु सेवा आवश्यक है।

8. नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने के कारण वायु सेवा बढ़नी चाहिए।

बाफना ने पत्र के अंत में कहा है कि, हवाई कनेक्टिविटी के क्षेत्र में बस्तर ने उल्लेखनीय वृद्धि की है। संवेदनशील क्षेत्र होने के साथ ही यातायात सुविधाओं की बस्तर में अत्यन्त कमी है। और बस्तरवासियों के लिए उड़ान योजना के तहत् किफायती कीमत पर रायपुर व हैदराबाद पहुॅचकर देश के विभिन्न स्थानों तक पहुॅचने में मिलने वाली यह सुविधा किसी वरदान से कम भी नहीं है। इसलिए बस्तर से उड़ान योजना को एक्सटेंशन दिये जाने की जरूरी पहल की जाये।

दिनेश के.जी. (संपादक)

सिर्फ खबरें लगाना हमारा मक़सद नहीं, कोशिश रहती है कि पाठकों के सरोकार की खबरें न छूटें..

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Dinesh KG
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