पत्रकारों के लिए ईवीएम और वीवीपेट पर आधारित कार्यशाला का आयोजन

जगदलपुर। निर्वाचन प्रणाली में अधिक पारदर्शिता के लिए पहली बार उपयोग किए जा रहे वीवीपेट सहित नई तकनीक के ईवीएम का प्रदर्शन पत्रकारों के समक्ष किया गया। मंगलवार को जिला पंचायत कार्यालय में पत्रकारों की कार्यशाला आयोजित की गई, जिसमें इलेक्ट्रिक वोटिंग मशीन तथा वीवीपेट का प्रदर्शन कर इसकी कार्यप्रणाली से अवगत कराया गया। इस अवसर पर बस्तर कमिश्नर धनंजय देवांगन ने मतदाताओं की सहभागिता बढ़ाने के लिए किए जा रहे विभिन्न आयोजनों के संबंध में जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि संभाग के सभी जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को व्यवस्थित मतदाता शिक्षा एवं निर्वाचक सहभागिता कार्यक्रम ‘स्वीप‘ के तहत विभिन्न आयोजन लगातार किए जा रहे हैं। मतदाताओं को इस कार्यक्रम से जोड़ने के लिए स्थानीय बोलियों का अधिक से अधिक उपयोग किया जा रहा है। इसी कड़ी में ग्रामीण क्षेत्रों में सबसे अधिक प्रभावी माध्यम ‘रेडियो‘ से भी स्वयं कमिश्नर एवं बस्तर कलेक्टर द्वारा गोंडी और हल्बी बोली में मतदाता जागरुकता का संदेश दिया जा रहा है।

लोगों को इस कार्यक्रम से जोड़ने के लिए रंगोली, चित्रकला, रस्साकस्सी सहित कई आकर्षक खेलों का आयोजन किया जा रहा है, जिसके कारण मतदाता बड़ी सहजता और उत्साह के साथ इस कार्यक्रम से जुड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाताओं के लिए भी विशेष सुविधाएं मतदान केन्द्रों में उपलब्ध कराई जा रही हैं, ताकि कोई भी व्यक्ति मतदान के अधिकार से वंचित न रहे। मतदान की प्रक्रिया से अवगत कराने के लिए हाट बाजारों में ईवीएम और वीवीपेट का लगातार किए जा रहे प्रदर्शन के संबंध में भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि वीवीपेट एक नया उपकरण होने के कारण आकर्षण का केन्द्र है तथा विभिन्न निर्वाचनों में इसका सफलतापूर्वक उपयोग करने के बाद यहां विधानसभा निर्वाचन में भी इसका पहली बार उपयोग किया जा रहा है।

जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी प्रभात मलिक ने इस अवसर पर कहा कि वीवीपेट एक ऐसा उपकरण है, जिसके माध्यम से मतदाता स्वयं अपने वोट को देख सकता है और तसल्ली कर सकता है। उन्होंने बस्तर जिले में चलाए जा रहे स्वीप कार्यक्रम के संबंध में जानकारी दी और कहा कि इस कार्यक्रम के माध्यम से घर-घर पहुंचकर मतदाताओं को इस कार्यक्रम से जोड़कर मतदान के लिए प्रेरित किया जा रहा है। उन्होंने शहरी क्षेत्रों में मतदान के प्रति अधिक रुचि जगाने की आवश्यकता को देखतेे हुए इस दिशा मे किए जा रहे कार्यों के संबंध में भी जानकारी दी।

उन्होंने जगदलपुर के भगत सिंह स्कूल, बस्तर विकासखण्ड मुख्यालय के हाईस्कूल और लोहण्डीगुड़ा विकासखण्ड के बालिका हायर सेकेण्डरी स्कूल को ‘संगवारी‘ मतदान केन्द्र बनाए जाने के संबंध में भी जानकारी देते हुए बताया कि यहां सभी मतदान अधिकारियों के साथ ही सुरक्षा कर्मी भी महिलाएं रहेंगी। प्रोफेसर रमेश जोशी ने निर्वाचन की शुचिता और पारदर्शिता को बनाए रखने के लिए उपयोग किए जा रहे ईवीएम और वीवीपेट के संबंध में विस्तारपूर्वक जानकारी देते हुए बताया कि इस नई तकनीक के कंट्रोल यूनिट में एक साथ 24 बैलेट यूनिट जोड़े जा सकते हैं। उन्होंने बताया कि 12 बैलेट यूनिट तक के लिए एक वीवीपेट की आवश्यकता होगी।

उन्होंने बताया कि इस कंट्रोल यूनिट में 8 अलग-अलग सेंसर हैं, जो मशीन में मौजूद किसी भी त्रुटि को स्वयं पकड़ने में सक्षम हैं। उन्होंने माॅक पोल से लेकर मतदान समाप्ति तक की समस्त प्रक्रियाओं से भी पत्रकारों को अवगत कराया। उन्होंने बताया कि माॅक पोल के दौरान न्यूनतम 50 मत डाले जाएंगे तथा सभी प्रत्याशियों को बराबर मत दिया जाएगा। माॅक पोल में किए गए मतदान का परिणाम बताने के बाद इसके भीतर के पूरे डेटा को डिलीट करने के बाद मतदान की प्रक्रिया प्रारंभ होगी।

इस निर्वाचन में पहली बार उपयोग किए जा रहे वीवीपेट के संबंध में बताया कि वोटर द्वारा डाला गया वोट यहां पर्ची के रुप में दिखाई देगा। किसी मतदाता को यदि लगता है कि उसने किसी अन्य प्रत्याशी को वोट दिया था, किन्तु यहां पर्ची किसी अन्य उम्मीदवार की दिखाई दे रही है, तो वह तत्काल पीठासीन के समक्ष आपत्ति दर्ज कराकर चुनौती मतदान कर सकता है। चुनौती मतदान निर्वाचन केन्द्र में उपस्थित सभी दल के निर्वाचन एजेंटों के समक्ष डाला जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र से किसी एक बुथ के वीवीपेट की पर्ची की गणना भी की जाएगी और कंट्रोल यूनिट में दर्ज मतों से इसका मिलान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए वीवीपेट का चयन लाटरी के माध्यम से किया जाएगा।

दिनेश के.जी. (संपादक)

सिर्फ खबरें लगाना हमारा मक़सद नहीं, कोशिश रहती है कि पाठकों के सरोकार की खबरें न छूटें..

Dinesh KG
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