छत्तीसगढ़

भारत का मीडिया लोकतंत्र का प्रहरी है, वो किसी अधिनायक या दूसरी एजेंसी के हाथ की कठपुतली नहीं – डांगी

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जगदलपुर। सोशल मीडिया में जारी एक बयान में पुलिस उप महानिरीक्षक दक्षिण बस्तर रतनलाल डांगी ने कहा कि बस्तर मे कल हुए चुनाव के समय जितना सक्रिय प्रत्याशी, मतदाता, प्रशासन व सुरक्षाबल थे, उससे कई अधिक हमारे लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ के साथी थे। जो ऐसे-ऐसे संवेदनशील क्षेत्रों मे पहुंच कर रिपोर्टिंग करके देश के हर क्षेत्र के लोगों को वस्तुस्थिति से अवगत करा रहे थे। वो तब के हालात हैं जब माओवादियों ने नीलावाया (दंतेवाड़ा) मे एक मीडिया के साथी की यह जानते हुए जानबूझ कर हत्या कर दी थी कि वो मीडियाकर्मी हैं। उनका मकसद केवल दहशत पैदा करके चौथे स्तम्भ से अपनी मनमानी खबरें छपवा सके।

उन्होंने मीडिया कर्मियों की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे हालात में भी इतनी दहशत की परवाह किए बिना जान की चिंता किए बिना बीजापुर, सुकमा, दंतेवाड़ा, नारायणपुर व कांकेर के अंदरूनी अतिसंवेदनशील मतदान केंद्रों तक पहुंच कर वस्तुस्थिति से देश दुनिया को अवगत करा रहे थे।उनके इस हौसले ने माओवादियों को संदेश दिया कि भारत का मीडिया लोकतंत्र का प्रहरी है। वो किसी अधिनायक या दूसरी एजेंसी के हाथ की कठपुतली नहीं है। चाहे कर्तव्य के दौरान उनकी जान भी चली जाए तो भी वो ऐसे बलिदान को तैयार हैं।

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