03 करोड़ 51 लाख रुपए की लागत से विकसित किया जाएगा ईको-टूरिज्म रिसोर्ट
कोसारटेडा जलाशय क्षेत्र में सिंचाई सुविधा के साथ ईको-टूरिज्म पर्यटन के लिए मिलेगी नई पहचान – कलेक्टर विजय दयाराम के.
जगदलपुर। वन एवं जल संसाधन मंत्री श्री केदार कश्यप ने कहा कि बस्तर में प्राकृतिक सौंदर्य, वन उत्पाद, वन संसाधन की उपलब्धता बहुत है, सरकार द्वारा बस्तर में पर्यटन के लिए होम स्टे, कैंपिंग और ईको पर्यटन को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसी कड़ी में कोसारटेडा जलाशय परिसर में भी ईको-टूरिज्म हब के रूप में विकास हेतु आज भूमिपूजन किया गया है। बस्तर जिले में कोसारटेडा जलाशय से सिंचाई सुविधा के साथ-साथ अब ईको-टूरिज्म हब के निर्माण से यहाँ के महिला स्व सहायता समूह और ग्रामीण युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेगा। मंत्री ने कहा कि बस्तर अपनी अप्रतिम सौंदर्य के लिए विश्व प्रसिद्ध रहा है इस लिये बस्तर में सुविधाओं का विकास किया जा रहा है। संभाग में कई जलप्रपात है जिनको पर्यटन नक्शे में जोड़ने की पहल की जा रही है। मंत्री श्री कश्यप शनिवार को कोसारटेडा सिंचाई जलाशय में 03 करोड़ 51 लाख रुपए की लागत से विकसित की जा रही ईको-टूरिज्म रिसोर्ट का भूमिपूजन किया।कार्यक्रम में मंत्री श्री केदार कश्यप ने इको रिसोर्ट के मुख्य द्वार निर्माण हेतु राशि 25 लाख, इको रिसोर्ट के चारों ओर टो वॉल के निर्माण हेतु 01 करोड़, अप्रोच रोड के दोहरीकरण, प्रशासनिक भवन के जीर्णोद्धार हेतु 50 लाख, रिसोर्ट के विकास हेतु रिसोर्ट के आसपास उपलब्ध अन्य विभागों के स्वामित्व की शासकीय भूमि को जल संसाधन विभाग को हस्तांतरित करने और हाईमास्ट लाइट हेतु 25 लाख रूपए की घोषणा की।
कार्यक्रम में बस्तर सांसद महेश कश्यप ने कहा कि कोसारटेडा जलाशय बनवाने के लिए स्वर्गीय श्री बलीराम कश्यप ने अथक प्रयास किया, जलाशय से क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा बढ़ी, अब यहाँ पर्यटन के केंद्र के रूप में विकास किया जाएगा। सरकार द्वारा किए जा रहे विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं से लाभ हो रहा है। बस्तर को पहले अधिकारी कालापानी की सजा के रूप में जानकर आते थे अब विकास की गति और सरकार योजनाओं ने पर्यटन के स्थल के रूप में अलग पहचान बना ली है। कार्यक्रम को जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती वेदवती कश्यप, पूर्व सांसद श्री दिनेश कश्यप ने भी संबोधित किया।
कलेक्टर विजय दयाराम के . ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि कोसारटेडा जलाशय बस्तर- नारायणपुर विधानसभा क्षेत्र में सिंचाई सुविधा के लिए जाना जाता था अब ईको-टूरिज्म पर्यटन के रूप में भी इसे नई पहचान मिलेगी। बस्तर जिला में पहले पर्यटन के रूप में चित्रकोट, तीरथगढ़, कुटुमसर गुफा की ख्याति थी इसमें अब कोसारटेडा ईको-टूरिज्म भी अलग पहचान दिलाएगी। कार्यक्रम में जिला पंचायत उपाध्यक्ष श्री मनीराम कश्यप, जनपद अध्यक्ष श्रीमती टिकेशवरी मंडावी, सरपंच सालेमेटा श्री फरसू बघेल अन्य जनप्रतिनिधि सहित सीसीएफ श्री आरसी दुग्गा, वन मण्डलाधिकारी श्री उत्तम गुप्ता, जल संसाधन विभाग के श्री भंडारी, श्री वेद पांडेय सहित ग्रामीणजन उपस्थित थे। कार्यक्रम के उपरांत जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने मंत्री को पूरे प्रोजेक्ट का विस्तृत जानकारी दी। कार्यक्रम में अतिथियों ने एक पेड़ माँ के नाम के तहत वृक्षारोपण किया और ग्रामीणों को पौध वितरण किए।
बस्तर जिले की कोसारटेडा मध्यम बहुउद्देश्यीय सिंचाई जलाशय परियोजना में सिंचाई के साथ ईको-टूरिज्म हब के रूप में विकसित किया रहा है। करीब 03 करोड़ 51 लाख रुपए की लागत से निर्मित किये जा रहे कोसारटेडा जलाशय में ईको-टूरिज्म रिसोर्ट एवं अन्य पर्यटक सुविधाओं के जरिए बस्तर को नई पहचान मिलेगी। शासन की मंशानुरूप कोसारटेडा जलाशय ईको-टूरिजम हब के संचालन में स्थानीय मातृ शक्ति महिला स्वसहायता समूहों की व्यापक सहभागिता के साथ ही युवाओं और ग्रामीणों की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।
सुविधाओं का होगा विस्तार
कोसारटेडा ईको टूरिस्ट रिसोर्ट में मुख्य तौर पर 06 नेचुरल बम्बू कॉटेज,04 लक्जरी विला टेंट, एक बम्बू से निर्मित रेस्टोरेंट, बच्चों के लिए चिल्ड्रन पार्क, एडवेंचर रोप कोर्स,वॉटर स्पोर्ट्स सुविधाएं सहित पूरे ईको-टूरिज्म हब ईलाके को आकर्षक बनाने के लिए गार्डन डेवलपमेंट,बम्बू गजेबो,लैंड स्केपिंग,लॉन ग्रास वर्क,सीमेंट आर्ट वर्क,स्टेच्यू इत्यादि कार्यों के साथ ही एप्रोच रोड एवं पार्किंग स्थल भी निर्मित किया जा रहा है।